Chhattisgarh Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा धान खरीदी रहा. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने ही धान खरीदी को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था, लेकिन किसानों ने बीजेपी के वादे पर भरोसा जताया और राज्य में विष्णु देव साय की अगुवाई में बीजेपी की दोबारा सरकार बनी. वादे के मुताबिक देश में धान की कीमत सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में है. किसान एक एकड़ में धान की खेती कर 65 हजार से ज्यादा कमाई कर सकते हैं. आखिर कैसे? चलिए आज आपको समझाते हैं.


दरअसल, छत्तीसगढ़ में चुनाव के पहले बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों से बड़ा वादा किया था. इसके अनुसार धान की खरीदी अब सरकारी सोसायटियों में प्रति एकड़ 21 क्विंटल होगी. जो पिछले साल 15 क्विंटल थी. हालांकि कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले इसको 20 क्विंटल कर दिया था यानी अब केवल किसानों 1 क्विंटल ज्यादा धान बेच सकते है. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है. जिन किसानों ने पहले 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान की बिक्री को थी, उनको फिर से अतिरिक्त धान बेचने का अवसर दिया जाएगा.


कैसे मिलेगा किसानों को एक्स्ट्रा पैसा?
चलिए अब आंकड़े का खेल समझने की कोशिश करते है. बीजेपी के वादे के मुताबिक, 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से होगा. ऐसे में राज्य के किसानों को पिछले साल की तुलना में इस साल प्रति एकड़ धान की बिक्री पर लगभग 25 हजार 500 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा. पिछले साल राज्य में किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल कॉमन धान को 2040 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से खरीदा गया था, इस दौरान किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दी गई, जिसे मिलाकर अधिकतम 39 हजार 600 रुपये का भुगतान होता था. इस साल बीजेपी के वादे के मुताबिक इस साल 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होने से किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेचने पर 65 हजार 100 रुपये मिलेगा. 


दीपक बैज ने सीएम साय को लिखा पत्र
हालांकि अब तक प्रति क्विंटल 3100 रुपये की कीमत किसानों को कैसे मिलेगा? इस पर बीजेपी सरकार ने कोई नई नीति नहीं बनाई है. इसको लेकर मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने सवाल पूछना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि "किसान दुविधा की स्थित में है, भरतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी वायदे में किसानों से वादा किया था कि वह धान की कीमत 3100 रुपये प्रति क्विंटल देगी. जिसका एक मुश्त भुगतान धान बेचने के तुरंत बाद खरीदी केन्द्रों की ग्राम पंचायतों में ही अलग से काउंटर बना कर किया जाएगा. इस मामले में शासन की तरफ से कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है और न ही कोई निर्देश जारी हुआ है. राज्य सरकार ने विधानसभा में पेश किये गए अनुपूरक बजट में भी धान खरीदी के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है. इससे किसानो की चिंता बढ़ गयी है."


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