Raigarh News: अमूमन किसी खरीदी केंद्र में किसी तरह गड़बड़ी की शिकायत होती है तो अधिकारी मौके पर खड़े होकर धान की तौल कराते हैं, लेकिन रायगढ़ जिले का एक धान खरीदी लोईंग इससे जूदा है. यह अनोखा केंद्र इसलिए बन गया है क्योंकि यहां अधिकारी ही धान तौल करा रहे हैं. यहां न तो किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत है और न ही कोई कमियां, लेकिन यहां के सहायक समिति प्रबंधक ने ऐन वक्त पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में खरीदी प्रभावित न हो और किसानों को कोई तकलीफ न हो इसके लिए फूड से लेकर अन्य चार विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और वहां अपने ही निगरानी में धान की तौल करा रहे हैं. हालांकि यहां किसी अन्य सेंटर के प्रबंधक को चार्ज दिया गया है, लेकिन उसे यहां की परिस्थितियां समझने में समय लगेगा. इसके कारण यहां अधिकारियों ने ही कमान संभाल लिया है. हर दिन चार से पांच अधिकारी यहां धान की तौल करा रहे हैं.


यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब तक ऐसी परिस्थितियां धान खरीदी को लेकर निर्मित नहीं हुई थी. ठीक धान खरीदी में तेजी आने के बाद अचानक से इस्तीफा देने के बाद व्यवस्था गड़बड़ा सकती थी. ऐसे में फूड, सहकारिता, अपेक्स, विपणन समेत अन्य विभाग के अधिकारियों ने ही इसका संचालन शुरु किया और किसानों से धान खरीदी करने लगे। अधिकारियों की मौजूदगी में हो रही खरीदी से किसान भी खुश हैं। चूंकि समितियों में कई तरह की परेशानियां किसानों को होती है, लेकिन यहां न तौल में दिक्कत हो रही है और न ही मजदूरों की चिंता है। अधिकारियों ने ही यहां हमालों की व्यवस्था की है। कुल मिलाकर लोईंग धान खरीदी अब अनोखा बन गया है।


शुरु नहीं हुई थी खरीदी


सहायक समिति प्रबंधक के इस्तीफा देने के कारण यहां खरीदी शुरु नहीं हो पा रही थी. ऐसे में कलेक्टर ने फूड समेत अन्य विभाग के अधिकारियों को सुचारु खरीदी करने का निर्देश दिया. कलेक्टर का निर्देश मिलते ही फूड और अन्य विभाग के अधिकारियों ने वहां का कमान अपने हाथ में ले लिया और किसानों का धान तौल शुरु करा दिया. इसके साथ ही किसानों का टोकन भी वहां के कंम्प्यूटर ऑपरेटर ने काटना शुरु किया. कुल मिलाकर अधिकारियों की देख-रेख में यहां अब सुचारु धान खरीदी हो रही है.


हर साल यहां होता है बवाल


लोईंग धान खरीदी सेंटर ऐसा केंद्र है जहां हर साल कुछ न कुछ कारण से बवाल होता है. अब तक के रिकार्ड पर गौर करें तो यहां कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ चुकी है. गड़बड़ी होने के कारण यहां के सहायक समिति प्रबंधक का तबादला भी दूसरे केंद्र में कर दिया गया था. माना जा रहा है कि यहां हर साल कुछ न कुछ गड़बड़ी सामने आती ही थी. इस्तीफा देने के बाद अब अधिकारियों की निगरानी में सुचारु खरीदी हो रही है तो किसान भी खुश नजर आ रहे हैं.


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