Safe Drinking Water Clinic: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने राज्य के पहला सेफ ड्रिंकिंग वाटर क्लीनिक (Safe Drinking Water Clinic) का लोकार्पण कर दिया है. इस वाटर क्लीनिक के माध्यम से भिलाई (Bhilai) की 10 हजार की आबादी को आरओ युक्त वाटर की सुविधा मिल सकेगी. इस वाटर क्लीनिक की क्षमता 25000 लीटर हर दिन की है और प्रत्येक घंटे 5000 लीटर वाटर फिल्टर किया जा सकता है. इसके लिए रिवर्स ऑस्मोसिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा. टीडीएस को मेंटेन करने के लिए हाईटेक टेक्नोलॉजी का भी उपयोग होगा, जो व्यर्थ का पानी होगा और वह गार्डन में यूज हो सकेगा.

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि शुद्ध पेयजल लोगों की बुनियादी आवश्यकता है. इस संबंध में नगरीय क्षेत्रों में सतत इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े किए जा रहे हैं और इस दिशा में सेफ ड्रिंकिंग वॉटर क्लीनिक जैसी पहल महत्वपूर्ण साबित होगी. इस दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से मुख्यमंत्री को जानकारी दी. इस दौरान महापौर नीरज पाल भी मौजूद रहे. उल्लेखनीय है कि इसका संचालन भारत सेवाश्रम संघ के द्वारा किया जा रहा है.

 


 

कबाड़ में तब्दील हो गए हैं नल घर

 

बहरहाल इस सेफ ड्रिंकिंग वाटर क्लीनिक खुलने से इलाके के लगभग 10000 लोगों को शुद्ध पानी मिल पाएगा और इस वाटर क्लीनिक की क्षमता 25000 लीटर की है, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि शासन-प्रशासन लोगों की सुविधा के लिए साफ पानी पीने के लिए इसी तरह की वाटर टंकियों का निर्माण करते हैं या नहीं. क्योंकि संधारण के अभाव में वह कबाड़ में तब्दील हो जाता है. इसलिए अब जरूरत है कि लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करके बने इन वाटर टंकियों का समय पर संधारण होता रहे, ताकि गर्मियों के समय में लोगों को ठंडे पानी और साफ पानी की किल्लत न हो.