छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. पिछले कुछ महीनों से लगातार बिजली बिल में वृद्धि की शिकायत के बाद सीएम भूपेश बघेल ने संज्ञान लिया है. उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अपभोक्ताओ के बिल में अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को 50 प्रतिशत कम कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अतिरिक्त सुरक्षा निधि का आदेश जारी कर दिया है. घरेलू उपभोक्ता अब जारी की गई राशि से कम बिल जमा कर सकेंगे. जिन उपभोक्ताओं ने बिल जमा कर दिया है, उन्हें अगले महीने इसका लाभ देते हुए उनके द्वारा जमा की गई अतिरिक्त सुरक्षा निधि की 50 प्रतिशत राशि को बिजली बिल में समायोजित कर दी जाएगी.


दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के स्थायी निर्देशों के तहत सुरक्षा निधि लेने का प्रावधान है. हर वर्ष बीते 12 महीने के उपयोग किए गए बिजली की औसत खपत की गणना कर अक्टूबर में अतिरिक्त सुरक्षा निधि के अंतर की राशि ली जाती है. इसकी गणना प्रचलित टैरिफ के आधार पर नियमानुसार पहले से जमा सुरक्षा निधि को घटाकर की जाती है. जितनी राशि का अंतर होता है, उतनी अतिरिक्त सुरक्षा निधि की बनती है.


इस कारण से बढ़ गए थे बिजली बिल
कोरोना काल में पिछले साल अतिरिक्त सुरक्षा निधि की गणना इस वर्ष के लिए बढ़ा दी गई थी, जिसके कारण इस वर्ष एक साथ दो वर्षों के बाद गणना की स्तिथि बन रही है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे, जिससे उनके घर के ज्यादातर विद्युत उपकरणों का अधिक उपयोग हुआ. इस कारण सामान्य वर्षों की तुलना में इस साल के औसत बिल में वृद्धि हो गई.


बिल सुधरवाने बिजली दफ्तर जाना नहीं पड़ेगा 
उपभोक्ताओं को इसके लिये वर्तमान में जारी बिल में किसी तरह के संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी. बिल जमा करते समय अब अतिरिक्त सुरक्षा निधि आधी करके जमा किया जा सकेगा. उपभोक्ता को बिल सुधरवाने के लिए बिजली दफ्तर जाना नहीं पड़ेगा. उपभोक्ता बिल में दर्ज अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि की 50 प्रतिशत की गणना कर बिल राशि को गठाकर जमा कर सकेंगे. ये सुविधा पॉवर कंपनी के सभी मैनुअली बिलिंग काउंटर, एटीपी सेंटर और आनलाइन पेमेंट मोड पर उपलब्ध रहेगी.



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