Bastar: रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच बस्तर के लिए खुशखबरी है, इस युद्ध में बुरी तरह से  फंसी  छात्रा शालिनी  शिवहरे  सकुशल यूक्रेन से निकलने वाली बस्तर (Bastar) की पहली छात्र (Student) बन गईं है. मंगलवार की शाम जैसे ही वह बस्तर पहुंची तो उसके साथ पूरे परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं था, बस्तर पहुंची छात्रा शालिनी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वे इस युद्ध से बेहद घबराई हुईं थी.


 यूक्रेन के उज्होरोड में मेडिकल की सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रहीं थी, इसी दौरान युद्ध की घोषणा हुई और पूरा शहर थम गया,  उन्होंने बताया कि हालांकि रूस की सेना उनके यहां तक नहीं पहुंची, लेकिन हवाई हमले वे साफ देख सकते थे.  हर मिनट हवाई हमलों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी,  ऐसे में सुरक्षित रहने के लिए यहां बज रहे सायरन के साथ बंकरों में छिपना पड़ रहा था और भारी ठंड के बीच यहां 12-12  घंटे गुजारने पड़ रहे थे, उनके पिछले चार से पांच दिन जिंदगी के सबसे खतरनाक दिन थे.


शालिनी की सकुशल हुई वतन वापसी
शालिनी ने बताया  कि उन्हें उज्होरोड मेडिकल यूनिवर्सिटी से यूक्रेन की मदद से बस के जरिए हंगरी के बॉर्डर ज्होनव तक छोड़ा गया, इस दौरान उनसे कोई पैसे भी नहीं लिए गए, बॉर्डर ज्होनवी पर हंगरी व भारत सरकार की मदद से यहां के एयरपोर्ट तक छोड़ा गया, इसके बाद यहां करीब 5 घंटे तक उनकी जांच हुई, जिसके बाद भारत सरकार की मदद से दिल्ली के लिए रवाना हुई.




दिल्ली में छ.ग भवन में रात बिताई, भारत सरकार की मदद से शालिनी सोमवार की सुबह 6 बजे हंगरी के एयरपोर्ट से फ्लाईट मेें बैठी, करीब 11 घंटे के सफर के बाद उनका जत्था उसी दिन शाम के 5 बजे दिल्ली पहुंचा, यहां सरकार ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी, उन्हें किसी तरह की तकलीफ न हो इसके लिए छत्तीसगढ़ भवन में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई, यहां रात बिताने के बाद मंगलवार की सुबह 7 बजे फ्लाईट पर बैठी और 9 बजे रायपुर एयरपोर्ट पर वे उतरीं, रायपुर एयरपोर्ट में राज्य सरकार ने भी इनके घर तक पहुंचने के लिए बेहतरीन व्यवस्था कर रखी थी, एयरपोर्ट पर सरकारी अफसर मौजूद थे, यहां उनके पहुंचते ही जगदलपुर तक के लिए राज्य सरकार  ने व्यवस्था कर रखी थी, मंगलवार शाम को  जगदलपुर पहुंची तो उनके परिवार उन्हें लेने पहुँचे..


बस्तर के 39 छात्रों की होनी है वतन वापसी 
साहनी ने बताया कि वे जहां रुकी थी वहां से करीब 10 से 15 किलोमीटर की दूरी लेवी सिटी तक रूस की सेना अपने टैंकों के साथ पहुंच गई थी ,ऐसे में यहां पर  सभी भारतीय छात्र दहशत में थे, लेकिन पूरे भारत और उनके माता-पिता की दुआओं के बदौलत उनके साथ रह रहे करीब 250 छात्रों को सकुशल यूक्रेन सरकार ने बॉर्डर हंगरी तक पहुंचाया..जानकारी के मुताबिक बस्तर से यूक्रेन में करीब 40 छात्र फंसे हुए हैं.


शालिनी उत्तरी यूक्रेन में फंसी थी, यहां से यूरोपियन देशों की सीमा काफी करीब है, यही वजह है कि अब तक यहां रूस की सेना नहीं पहुंच पाई थी, इसलिए आसानी से हंगरी के रास्ते शालिनी व उनके साथ रह रहे लगभग 250 छात्र  भारत सरकार की मदद से अपने वतन वापस पहुंच गए थे, हालांकि  बस्तर के 39 छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए है, जिन्हें बस्तर वापसी का इंतजार हैं, वहीं उनके परिवार वाले अपनों की सकुशल वापसी की उम्मीद में दुआ मांग रहे हैं.


यह भी पढ़ें:


Amul Milk Price Hike: अमूल दूध की कीमतों में दो रुपये का इजाफा, जानिए छत्तीसगढ़ में इसका कितना असर?


Bilaspur: अवैध रेत खनन बना जानलेवा, इंजन और ट्रॉली के बीच फंसकर ड्राइवर की मौत