Chhattisgarh MLA Salary: देश के अलग-अलग राज्यों में विधायकों के वेतन अलग-अलग होते हैं. विधायकों को उनके वेतन के साथ-साथ यात्रा भत्ता से लेकर दवा में होने वाले खर्च और घर का किराया वैगरह सरकारी खजाने से दिये जाते हैं. आज हम आपको छत्तीसगढ़ के विधायकों के वेतन और उनके भत्तों के बारे में बताएंगे. दरअसल वेतन के साथ मिलने वाला भत्ता सरकार उनको अपने विधानसभा क्षेत्र और वहां रहने वाले लोगों की बेहतरी के लिए देती है. छत्तीसगढ़ के विधायकों को मिलने वाले वेतन में 28 अगस्त 2020 को विधानसभा में एक संशोधन पारित हुआ था. जिसके बाद विधायकों के वेतन में बढ़ोत्तरी हुई है.


विधायकों का वेतन


छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य यानी विधायकों के वेतन की बात करें उन्हें वेतन के रूप में 20 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. निर्वाचन क्षेत्र के लिए 30 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. दूरभाष भत्ता के रूप में इनको पांच हजार रुपए प्रतिमाह मिलता है. अर्दली भत्ता के रूप में विधायक के खाते में 15 हजार रुपए प्रतिमाह आते हैं. दैनिक भत्ता के रूप में एक विधायक को प्रतिदिन एक हजार रुपए के हिसाब से महीने के 30 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के विधायकों को चिकित्सा भत्ता के रूप में 10 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. ऐसे में अगर सभी भत्तों के साथ विधायक के वेतन की बात करें. तो छत्तीसगढ़ के हर विधायक को प्रति माह एक लाख 10 हजार रुपए वेतन मिलता है.


इसके अलावा भी मिलता है भत्ता


छत्तीसगढ़ विधानसभा का कोई भी सदस्य (विधायक) अगर विधानसभा सत्र या शासन की किसी मीटिंग में राज्य या राज्य के बाहर शामिल होने जाते हैं तो उनको मीटिंग के एक दिन पहले से लेकर मीटिंग के एक दिन बाद मतलब तीन दिन के लिए एक हजार रुपए प्रतिदिन की दर से अलग भत्ता मिलता है. अगर कोई विधायक किसी शासकीय मीटिंग या विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए अपने स्वयं के रजिस्ट्रेशन की गाड़ी से जाते हैं तो उनको उनके वाहन भत्ता के रूप में 10 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से भत्ता मिलते हैं. विधायकों को रेलवे कूपन और हवाई यात्रा के लिए भी सरकारी खजाने से भत्ता मिलता है. इसके तहत विधायक राज्य के भीतर या बाहर अपने एक सहयोगी के साथ रेल या हवाई यात्रा कर सकता है. इसके लिए सरकारी खजाने से इनको एक फाइनेंशियल ईयर में बोर्डिंग समेत 8 लाख रुपए के कूपन दिए जाते हैं.


छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों को अपने एक सहयोगी के साथ निजी बसों में यात्रा के लिए बस कूपन या पास दिया जाता है. जिसके बाद बस मालिक महीने भर के बस कूपन को कलेक्टर के पास जमा करते हैं और कलेक्टर कार्यालय द्वारा इन कूपन का पेमेंट बस मालिकों को किया जाता है. आवास सुविधा के नाम पर छत्तीसगढ़ के विधायकों सुविधाएं मिलती हैं. इस सुविधा के अनुसार विधायकों को राजधानी रायपुर में विधायक विश्राम गृह की सुविधा है. अगर कोई विधायक इन विश्राम गृह में रहता है तो उनको मात्र 3 रुपये  प्रतिदिन की दर से किराया चुकाना होता है. लेकिन अगर वो विश्रामगृह में न रहकर राजधानी रायपुर में खुद के आवास की व्यवस्था करते हैं तो उनको सरकार 30 हजार रुपये प्रतिमाह पेमेंट करती है.


यहां जानें विधायकों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं



  • विधानसभा के सदस्यों को डाकघर और बैंकिग की सुविधा भी दी जाती है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय में भारतीय स्टेट बैंक और डाकघर की विस्तार पटल शाखा स्थापित की गई है.

  • रेलवे टिकट आरक्षण सुविधा के लिए विधानसभा सचिवालय में कंप्यूटरीकृत आरक्षण काउंटर उपलब्ध हैं.

  • विधानसभा सचिवालय में विधायकों के लिए हॉस्पिटल की सुविधा उपलब्ध है.

  •  विधानसभा परिसर में आधुनिक इक्यूपमेंट के साथ जिम की सुविधा उपलब्ध है.

  •  विधायक खुद का वाहन खरीदने के लिए एसबीआई या किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंकों से 20 लाख तक का लोन ले सकते हैं. खास बात ये है कि वाहनों के लोन का मात्र 2 परसेंट ब्याज विधायकों को चुकाना है. बाकी का ब्याज राज्य सरकार अनुदान के रूप में चुकाएगी.

  •  घर निर्माण या खरीदने के लिए भी विधायकों को सुविधा दी जाती है. जिसके तहत छत्तीसगढ़ का कोई भी विधायक स्टेट बैंक या किसी भी नेशलन बैंक से 15 लाख का लोन ले सकता है. जिसके लिए उसको मूलधन के साथ केवल 2 फीसदी ब्याज बैंकों में जमा करेगा. इसके अलावा लोन का पूरा ब्याज सरकार अनुदान के रूप में देगी.

  •  छत्तीसगढ़ के विधायकों को किचन का सामान खरीदने के लिए भी प्रावधान है. इसके तहत वो 5 साल में 6 हजार रुपये  के किचन के सामान भी खरीद सकते हैं.

  •  चिकित्सा सुविधा के लिए प्रदेश के प्रत्येक विधायक को पूरी छूट है. कोई भी विधायक और उनके परिवार के आश्रित सदस्य प्रदेश के किसी भी शासकीय अस्पताल में मुफ्त में अपना इलाज करा सकते हैं. इसके साथ अगर वो प्रदेश के बाहर भी इलाज कराते हैं तो प्रदेश के लोक स्वास्थ सेवाओं के संचालक के अनुमोदन के बाद उनके द्वारा बाहर राज्य में कराए गए इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी.

  • छत्तीसगढ़ के विधायकों को कुटुम्ब पेंशन का भी लाभ मिलता है. जिसमें किसी विधायक या पूर्व विधायक की मृत्यु के बाद से उसके परिवार के आश्रित या पति-पत्नी को 15 वर्ष तक 25 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन दिया जाएगा.

  • रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित कैंटीन से प्रदेश का कोई भी विधायक अपने एक कार्याकाल के दौरान कोई भी तीन गाड़िया खरीद सकता है.


पूर्व विधायक को भी भत्ता और पेंशन की सुविधा


छत्तीसगढ़ के विधायकों के भत्ते और भौतिक सुख सुविधाओं का दौर यही नहीं समाप्त होता है. क्योंकि अगर कोई विधायक पूर्व या भूर्तपूर्व भी हो जाता है तो भी उसको बहुत सी सुविधाएं और भत्ता सरकारी खजाने से दिया जाता है. इसमें सबसे पहले बात करते हैं पेशन की. दरअसल कोई विधायक जब पूर्व हो जाता है. तो उसको पहले पांच साल तक 35 हजार रुपये पेंशन के रूप में दिया जाता है. इसके बाद 6 से 10 साल तक 300 रुपये प्रतिमाह, 11-15 साल के लिए 400 रुपये प्रतिमाह औऱ 16 या उसके अधिक सालों में पेंशन की राशि 500 रुपये प्रतिमाह दी जाती है. ऐसे ही चिकित्सा भत्ता के रुपये 15 हजार रुपये, चिकित्सा सुविधा के रूप में पूर्व विधायकों को वर्तमान विधायकों की तरह सुविधा प्राप्त हैं. रेलवे और हवाई कूपन में राज्य के अंदर या बाहर जाने के लिए एक साल में बोर्डिंग समेत 4 लाख रुपये का खर्च सरकार वहन करती है. बस सुविधा औऱ कुटुम्ब पेंशन के लिए वर्तमान विधायकों के जैसी ही सुविधा भूर्तपूर्व सदस्यों (विधायकों) को मिलती है.
 


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