Korba News: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (SECL) अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोरबा के मुड़ापार क्षेत्र में आवासीय परिसर का निर्माण करा रहा है. कॉलोनी से निकलने वाले सीवेज के पानी (Sewage Water) के लिए मुख्य मार्ग में नाली का निर्माण कराया गया है, जो लंबे समय से रखरखाव के अभाव में जर्जर हो चुका है. कई स्थान तो ऐसे हैं, जहां नाली का अता पता नहीं है. जिससे सीवेज का पानी मुख्य मार्ग पर बह रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के कई परिवार छठ पूजा करते हैं जिन्हें गंदे पानी के काऱण दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.


मुड़ापार से मानिकपुर की ओर जाने वाली सड़क काली बाड़ी के पास लंबे समय से जर्जर है. ऐसे में मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. काली बाड़ी के पास घंटाघर और मुड़ापार की ओर से आने वाली सड़क मिली हुई है. इस सड़क पर चौबीस घंटे लोगों की आवाजाही होती है. लोग जर्जर सड़क और जल बहाव के कारण हादसे का शिकार हो रहे हैं. कई ऐसी घटना सामने आ चुकी है, जिसमें पास ही स्थित स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर जाते समय छात्र-छात्रा वाहन सहित जर्जर सड़क पर गिरकर घायल तो होते ही हैं, पानी होने के कारण गीले कपड़े में घर जाना पड़ता है. 


छठ व्रतियों के लिए हो सकती है मुसीबत
जर्जर सड़क और सीवेज के पानी के बहाव को लेकर वार्ड पार्षद शैलेंद्र सिंह उर्फ पप्पी का कहना है कि कई बार एसईसीएल प्रबंधन को इस संबंध में अवगत कराया गया. अफसरों को नाली और सड़क निर्माण के लिए चिट्ठी लिखी गई है लेकिन प्रबंधन को इससे कोई सरोकार नहीं है. अब जब छठ पूजा करीब है, क्षेत्र के कई ऐसे परिवार हैं, जो इस व्रत को रखते हैं, उन्हें सीवेज के पानी के कारण परेशानी उठानी पड़ेगी. यदि आचार संहिता नहीं होता तो निश्चित तौर पर जर्जर सड़क और बह रहे पानी के बीच बैठकर विरोध प्रदर्शन किया जाता. यदि प्रबंधन की नींद नहीं टूटती है, तो आने वाले दिनों में मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी की जाएगी.


स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि  एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान सिर्फ कोल उत्पादन और परिवहन पर है. अफसरों को आम लोगों को होने वाली परेशानी से कोई सरोकार नहीं है. सीवेज के पानी बहने से लोग परेशान हैं. सुधार के लिए वार्ड पार्षद चिट्ठी लिख चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.


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