Kanger Valley National Park: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मौजूद कांकेर वैली नेशनल पार्क के डायरेक्टर के खिलाफ कोटमसर वन क्षेत्र के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. दरअसल सभी वन कर्मचारी कोटमसर वन क्षेत्र के वन रक्षक को पार्क के डायरेक्टर की तरफ से निलंबित करने से नाराज हैं. वन कर्मचारियों का कहना है कि कांगेर वैली नेशनल पार्क के अंदर कोटमसर नाका से लेकर कोटमसर गांव तक ढाई किलीमीटर की डब्ल्यूबीएम सड़क बनाई गई है. 


सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार की तरफ से गुणवत्ताविहीन कार्य किये जाने की लिखित शिकायत वन रक्षक ने अपने वन परिक्षेत्र अधिकारी से की थी, लेकिन वन रक्षक का कहना है कि उन पर झूठी शिकायत करने का आरोप लगाकर पार्क के डायरेक्ट ने उन्हें निलंबित कर दिया. जो कि सरासर गलत है. कोटमसर वन रक्षक समेत वन कर्मचारियों ने इस कार्रवाई से नाराज होकर कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक के कार्यालय का घेराव किया और वन रक्षक पर किए गए कार्यवाही को गलत बताया.


वनरक्षक वीरेंद्र भारद्वाज ने क्या कहा?


पूरे मामले की जानकारी देते हुए कोटमसर वन परिक्षेत्र के वनरक्षक वीरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि पार्क के अंदर कोटमसर नाका से कोटोमसर गांव तक ढाई किलोमीटर की डब्ल्यूबीएम सड़क बनाई गई है. इस सड़क का निर्माण विभागीय तौर पर किया जाना था लेकिन विभाग के उच्च अधिकारी ने इस कार्य को करने के लिए  बाहर के ठेकेदार को काम दिया और यहां तक की मजदूर से लेकर मुंशी तक बाहर से ही मंगवाए गए. उन्हें सड़क निर्माण कार्य के दौरान निगरानी का काम सौपा गया था.


वनरक्षक वीरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि ठेकेदार की तरफ से सड़क निर्माण के कार्य में घोर लापरवाही बरतने के साथ गुणवत्ता विहीन कार्य किया जा रहा था. नियम के मुताबिक डब्ल्यूबीएम की सड़क में साइड ड्रेन बनाया जाना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन ठेकेदार की तरफ से सारे नियमों को ताक पर रखकर सड़क का निर्माण कराया जा रहा था. ठेकेदार के इस मनमानी को लेकर वनरक्षक ने अपने उच्च अधिकारी से लिखित में इसकी शिकायत की और सड़क निर्माण की जांच की मांग की, लेकिन कुछ दिन बाद उल्टे वन रक्षक को ही झूठी शिकायत करने के आरोप में कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के डायरेक्टर गणवीर धम्मशील ने आदेश जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया.


क्यों की गई निलंबन की कार्रवाई? 


इधर इस मामले में विभाग के उच्च अधिकारी वाइल्डलाइफ के मुख्य वन संरक्षक राकेश पांडे का कहना है कि वनरक्षक वीरेंद्र भारद्वाज की तरफ से लिखित शिकायत मिलने के बाद कांगेर वैली नेशनल पार्क के डायरेक्टर ने असिस्टेंट डायरेक्टर के जरिए शिकायत के आधार पर सड़क निर्माण के गुणवत्ता की जांच कराई, लेकिन जांच में सब कुछ सही पाया गया और नियम के मुताबिक सड़क निर्माण होना पाया गया. इसके बाद झूठी शिकायत देने के आरोप में वनरक्षक वीरेंद्र भारद्वाज पर निलंबन की कार्रवाई की गई.


मुख्य वन संरक्षक राकेश पांडे ने बताया कि उनकी तरफ से भी सड़क निर्माण से संबंधित सारे जांच की कॉपी और सड़क की वस्तु स्थिति से लेकर सभी जानकारी पार्क के डायरेक्टर से मांगी गई है, लेकिन अब तक उन्हें जांच की रिपोर्ट का प्रतिवेदन नहीं मिला है.मुख्य वन संरक्षक का कहना है कि अब उनकी निगरानी में इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है.


ये भी पढ़ें: Bijapur IED Blast: बीजापुर में नक्सलियों ने किया IED ब्लास्ट, एक जवान शहीद