छत्तीसगढ़ सरकार ने रोलिंग मिलों को बड़ी राहत देते हुए बिजली बिल में 9 महीनों के लिए 24 प्रतिशत की विशेष छूट देने का ऐलान किया है. इससे रोलिंग मिलों का बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कोयला संकट के कारण रोलिंग मिल व्यवसाय नुकसान में चल रहा था, कई छोटी-छोटी रोलिंग मिल कोरोना काल में हुए नुकसान का बोझ नहीं उठा पाईं और धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच गईं.


राज्य सरकार वहन करेगी घाटा


दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की स्टेंड एलोन रोलिंग मिलों को ऊर्जा प्रभार में 9 माह तक के लिए 24% की विशेष छूट देने का निर्णय लिया है. इसको लेकर कुछ दिन पहले ही ऊर्जा विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया है जिसके तहत रोलिंग मिलों को 01 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिए खपत की गई बिजली की मात्रा पर देय ऊर्जा प्रभार में 24% की छूट प्रदान की गई है. इस छूट से  छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी को जो भी घाटा होगा, उसका भुगतान राज्य सरकार करेगी.


रोलिंग मिलों को दी जा रही विशेष सब्सिडी
 बता दें कि राज्य की स्टेंड एलोन रोलिंग मिल को सीएसपीडीसीएल से बिजली प्राप्त कर रही है और  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा एक अप्रैल 2022 से लागू नई विद्युत की दरों के अनुसार स्टेंड एलोन रोलिंग मिलों को HV-4 टैरिफ संवर्ग में सम्मिलित किया गया है, लेकिन राज्य शासन की तरफ से अब रोलिंग मिलों को विशेष सब्सिडी दी जा रही है.


राज्य में संचालित हैं कुल 175 मिलें
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कुल 175 रोलिंग मिलें हैं. अकेले रायपुर में 125 रोलिंग मिलें संचालित हैं. कोयला के दामों में लगातार वृद्धि और महंगी बिजली के चलते रोलिंग मिलों का संचालन प्रभावित हुआ है. रोलिंग मिलों के संचालन को बनाए रखने के लिए ऊर्जा प्रभार में छूट देकर विशेष राहत दी गई है, ताकि रोलिंग मिलों में काम करने वाले श्रमिकों को रोजगार मिलता रहे.


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