Garlic Price: किसी भी चीज के दाम बढ़ें महंगाई की मार हमेशा आम आदमी को ही झेलनी पड़ती है. दिनों दिन सभी चीजों में महंगाई आसमान छूती जा रही है, तो वहीं अगर खाने की चीजों की बात की जाए तो इसमें भी रोजाना किसी न किसी चीज के दाम उछाल ले लेते हैं. ऐसे में लहसुन की बात की जाए तो इसकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. छत्तीसगढञ के अंबिकापुर में अप्रैल में ही लहसुन के दाम आसमान छू रहे हैं.


यहां पिछले 20 दिनों के भीतर लहसुन का भाव ढाई गुना बढ़कर 250 रुपये पहुंच गया है. लहसुन की कीमत बढ़ने की वजह मध्यम वर्गीय परिवार कटौती कर खरीददारी कर रहा है. वहीं गरीब परिवारों के लिए भी इसकी उपलब्धता काफी महंगी साबित हो रही है. करीब 20 दिनों पहले लहसुन का थोक भाव 80 रुपये किलो था और बाजार में यह फुटकर 100 रुपये किलो की दर से बिक रहा था. 


इसके बाद से रेट में बढ़ोतरी हुई और करीब आठ दिनों पहले 150 रुपये किलो थोक में और 200 रुपये किलो फुटकर में मिल रहा था. जबकि मौजूदा समय में लहसुन का थोक भाव बढ़कर 200 रुपये प्रति किलो होने के साथ ही फुटकर कीमत 240 से 250 रुपये किलो तक पहुंच गई है. सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के सब्जी मंडी से लहसुन की थोक खरीदी करने के बाद फुटकर व्यवसायी गुदरी बाजार, पौनी पसारी बाजार, आकाशवाणी चौक, गांधीनगर बाजार सहित सरगुजा के ग्रामीण अंचल में भी लेकर जा रहे हैं. यहां 250 रुपये प्रतिकिलो की दर से फुटकर बिक्री हो रही है. 


क्यों महंगे हुए लहसुन?
बताया जा रहा है कि लहसुन के अभी कच्चे होने के कारण यह जल्दी खराब भी हो रहा है. जबकि इंदौर, महाराष्ट्र से कम लहसुन मंगाने के पीछे यह भी एक प्रमुख कारण है. अंबिकापुर शहर के थोक सब्जी व्यवसायी महेन्द्र गुप्ता ने बताया कि सरगुजिहा लोकल लहसुन अभी तैयार नहीं हो पाया है. वर्तमान समय में लहसुन की इंदौर और महाराष्ट्र से आवक हो रही है. महंगे होने के कारण हर रोज लगभग दो पिकअप ही लहसुन आ पा रहा है.


एक पिकअप में 25 क्विंटल लहसुन आता है, जिससे सरगुजा में हर रोज लगभग 50 क्विंटल लहसुन खप रहा है. ग्रामीण इलाकों में लहसुन तैयार नहीं होने के कारण अंबिकापुर से ही व्यापारी गांवों में भी ले जा रहे हैं. सामान्य दिनों में हर रोज लगभग एक ट्रक लहसुन की आवक होती थी. उन्होंने बताया कि लहसुन की कीमत में राहत की फिलहाल उम्मीद नहीं है. 




ये भी पढ़ें: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर, अब तक 34 नक्सलियों को किया ढेर, 6 बार मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार