Chhattisgarh News: सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का ग्रामीण व दूर-दराज के क्षेत्रों में लाभ नहीं मिलने से आम जनमानस परेशानियों के दौर से गुजर रहा है. नए खुले निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना में इम्पैनलमेंट में लगी रोक के कारण पूरे अंचल के बड़ी तादाद में अस्पताल ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान कार्ड का लाभ मरीजों को नहीं दे पा रहे हैं. आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए आयुष्मान कार्ड के माध्यम से सामान्य वर्ग व बीपीएल परिवार के लिए यह योजना प्रारंभ गई थी.


जिसमें पात्र परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रूपए तक के निशुल्क उपचार का लाभ देश भर के किसी भी चिन्हित सरकारी व निजी अस्पताल में मुफ्त ईलाज के माध्यम से मिलता है. योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है.


निजी अस्पताल कर रहे है मनमानी
सूरजपुर जिले में लोगों ने भी योजना का लाभ लेने के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाए. परंतु बीती कांग्रेस सरकार में इस योजना को लेकर राज्य नोडल अधिकारी ने एक पत्र जारी कर संशोधित दिशा-निर्देश जारी होने तक नए अस्पतालों के पंजीयन को स्थगित कर दिया था और उसके बाद से अब तक इस मामले में कोई भी पहल नहीं होने से जहां निजी चिकित्सालय अपनी मनमानी कर रहे हैं. वहीं उन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ नहीं होने से गरीब व मध्यम तबके के लोगों को इलाज कराने के लिए बड़ी रकम चुकानी पड़ रही है.


राज्य सरकार ने नहीं जारी की कोई गाइडलाइन
स्वास्थ्य संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश से सैकड़ों की संख्या में आवेदन लंबित हैं, किन्तु राज्य सरकार के द्वारा इस दिशा में कोई पहल व गाइडलाइन जारी नहीं होने से नए पंजीयन जारी नहीं किए जा रहे हैं. हालांकि इस मामले में निजी अस्पतालों के संचालकों ने स्वास्थ्य मंत्री सहित आला अधिकारियों से भी भेंट मुलाकात कर इम्पैनलमेंट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग की है. 


विधायकों ने भी लिखा पत्र
सरगुजा अंचल के अनेक विधायकों ने इस आशय को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सहित सचिव स्वास्थ्य सेवाओं के साथ भारत सरकार के भी स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव को इस पूरे मामले से अवगत कराया है. भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की मानें तो कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर इस अति महत्वपूर्ण व जन सेवा की योजना पर अकारण ही रोक लगाई थी. इनका कहना है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही इस दिशा में त्वरित पहल की जाएगी.


आचार संहिता के बाद प्रारंभ होगी प्रक्रिया
इस संबंध में सूरजपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस सिंह ने कहा कि इस आशय को लेकर उनकी राज्य नोडल कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से बातचीत हुई है. उन्होंने आश्वस्थ किया है कि आचार संहिता के उपरांत अविलंब नए अस्पतालों के पंजीयन की लंबित कार्रवाई पूर्ण होगी.


अप्रैल-2023 में लगी थी रोक
आयुष्मान भारत की राज्य नोडल एजेंसी के द्वारा प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र जारी कर निजी अस्पतालों में पंजीयन की प्रक्रिया को स्थगित रखे जाने की सूचना दी थी. स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक के द्वारा जारी उक्त पत्र में यह हवाला दिया गया था कि आयुष्मान भारत योजना के साथ डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना व मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में संशोधित दिशा निर्देश प्रक्रियाधीन है, इसलिए नए आवेदको के पंजीयन की प्रक्रिया स्थगित की गई है. 


इसके साथ ही पत्र में यह भी कहा गया था कि संशोधित दिशा-निर्देश जारी होने के उपरांत वर्तमान मे प्रक्रियाधीन एवं नए आवेदकों का पंजीयन किया जाएगा, किन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई भी पहल नहीं होने से परेशानियों का सबब बना हुआ है.


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