Raipur News: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh election) होने वाले है. लेकिन इससे पहले संविदा कर्मचारियों (Contract Workers) ने कांग्रेस सरकार (Congress Government) की मुसीबत बढ़ा दी हैं. प्रदेश के 45 हजार से अधिक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए है. सरकार से एक सुर में नियमितिकरण की मांग कर रहे है. बुधवार (12 July) को इसी कड़ी में संविदा कर्मचारियों ने नया रायपुर (Naya Raipur)में जल सत्याग्रह (Jal satyagrah)किया है.


नियमितिकरण के लिए कर्मचारियों का जल सत्याग्रह 


दरअसल 3 जुलाई से राज्य सरकार के अलग अलग विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. नया रायपुर के तूता धरना स्थल में प्रदेश भर के हजारों कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी के लिए रायपुर में डटे हुए है.इसमें स्वास्थ्य कर्मचारी भी शामिल हैं. इनके हड़ताल में चले जाने से अस्पतालों के स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही है. वहीं अब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर सरकार ने एस्मा लागू कर दिया है. इसके बाद कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए.



नाराज कर्मचारी ने तालाब में छलांग लगाई 


बुधवार को नया रायपुर के तूता धरना स्थल में दोपहर एक दर्जन कर्मचारियों ने तालाब में जल सत्याग्रह किया. इस दौरान पुलिस बल और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद रही. लेकिन हंगामा तब हो गया जब एक कर्मचारी तालाब के गहराई की तरफ चला गया. इसे देख एसडीआरएफ के एक जवान ने तालाब में छलांग लगाई और बड़ी मुस्किल से नाराज कर्मचारी को बाहर निकाला गया. वहीं इस दौरान कर्मचारी ने कहा कि नियमितिकरण हम लेकर रहेंगे चाहे इस दौरान हमारी जान ही क्यों न चली जाए.


'संविदा कर्मचारियों को न बीमा मिलता है और न ही पेंशन'


संविदा कर्मचारी संघ के प्रमुख कौशलेस तिवारी ने एबीपी न्यूज से कहा कि 3 जुलाई से हमारा अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है. भूपेश बघेल सरकार मंगलवार को एस्मा लागू किया है. इस कानून का हम विरोध करने के लिए आज (12 July) जल सत्याग्रह कर रहे है. प्रदेश भर में 45 हजार संविदा कर्मचारी है. कांग्रेस सरकार से मांग है कि इसी अनुपूरक बजट में नियमितिकरण किया जाए. बिना नियमितकर्ण के हमारा भविष्य असुरक्षित है. क्योंकि न बीमा और न ही पेंशन मिलता है. एस्मा लगाने पर कर्मचारी ने कहा किहम सरकार से डरने वाले नहीं है.


नियमितिकरण के लिए कर्मचारी अड़े


इसके अलावा अन्य कर्मचारी जो जल सत्याग्रह के दौरान पानी में डूबे थे. उन पर चुनावी साल में माहौल बनाने के लग रहे आरोप कहा कि ये पूरी तरह से झूठी बात है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में लिखित में वादा है कि सरकार बनने के बाद नियमितिकरण करेंगे. हम चुनाव के लिए माहौल नहीं बना रहे है. वो वादाखिलाफी कर रहे तो हम प्रदर्शन कर रहे है.अगर नियमितिकरण नहीं होता है तो ये आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा. हम टूटकर बिखर जाएंगे लेकिन किसी आश्वासन पर आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. हम अपने परिवार की सुरक्षा के लिए यहां पर आए है. संविदा में रहते है रहते है तो कभी भी हमे जॉब से निकाल दिया जाता है. इस लिए हम जॉब सिक्योरिटी चाहिए.


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