Chhattisgarh Porta Cabin School News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में छात्रावास में लगातार लापरवाही बरतने का और  आदिवासी छात्राओं से छेड़खानी का मामला बढ़ता ही जा रहा है. अभी नारायणपुर में तीन आदिवासी छात्राओं से शिक्षकों के छेड़छाड़ औऱ अश्लील हरकत करने का मामला शांत भी नहीं हुआ है, इस बीच बीजापुर जिले में भी गर्ल्स हॉस्टल में एक 12वीं क्लास की छात्रा के एक बच्चे को जन्म देने से शिक्षा विभाग में बवाल मच गया है. खास बात यह है कि छात्रा के गर्भवती होने की जानकारी हॉस्टल सुपरिटेंडेंट से लेकर परिजनों को भी नहीं थी.


पीड़ित छात्रा की मंगलवार (12 मार्च) की देर रात अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और यहां डॉक्टरों ने छात्रा के गर्भवती होने की पुष्टि की. छात्रा ने बुधवार (13 मार्च) की सुबह एक बच्चे को जन्म दिया. हालांकि जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित है ,लेकिन इस मामले में बरती गयी इस लापरवाही को लेकर शिक्षा विभाग में बवाल मचा हुआ है.


12वीं की छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म


बीजापुर के हॉस्टल में छात्रा के गर्भवती होने और बच्चे को जन्म देने की घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी छात्रावास की सुपरिटेंडेंट पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. वहीँ, इस बारे में जानकारी मिली है कि छात्रा का उसके गांव के किसी युवक के साथ कई महीनों से प्रेम प्रसंग का मामला चल रहा था, लेकिन परिवार वालों को और हॉस्टल सुपरिटेंडेंट को इसकी जानकारी नहीं थी. छात्रा के गर्भवती होने और प्रसव के बाद ही इसका खुलासा हुआ. हालांकि छात्रा बालिग बताई जा रही है.


पोटाकेबिन आवासीय स्कूल में लापरवाही


दरअसल बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले में आदिवासी अंचलों के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए पोटाकेबिन छात्रावास आवासीय स्कूल बनाए गए है. यहां पर छात्र छात्राओं को रहने और खाने पीने के साथ शिक्षा की भी पूरी सुविधा दी गई है, लेकिन पिछले कुछ महीनो से इन पोटाकेबिन आवासीय स्कूल में लगातार लापरवाही बरतने के मामले सामने आ रहे हैं. बीजापुर जिले के गंगालूर में मौजूद पोटाकेबिन हाई स्कूल छात्रावास में भी घोर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है, 12वीं कक्षा की छात्रा के गर्भवती होने के बाद बुधवार सुबह बच्चे को जन्म देने से हड़कंप मच गया है.


युवक के साथ छात्रा का चल रहा था प्रेम प्रसंग!


बीजापुर के इस आवासीय स्कूल की सुपरिटेंडेट अंशु मिंज का कहना है कि छात्रा यहां रहकर ही 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थी, हालांकि वह बीच-बीच में घर जाया करती थी, लेकिन उनके साथ में रहने वाली सहेलियों को भी बिल्कुल इस बात की जानकारी नहीं थी कि छात्रा का किसी युवक के साथ प्रेम प्रसंग का मामला चल रहा है. जानकारी के मुताबिक बुधवार की रात अचानक छात्रा को पेट में दर्द उठा और उसके बाद उसे पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, यहां जांच में डॉक्टरों ने उसके गर्भवती होने की पुष्टि की. सुपरिटेंडेट का कहना है कि छात्रा में कहीं से भी गर्भवती होने के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे ना ही परिवार वालों को इसकी भनक थी. उनका कहना है कि आवासीय स्कूल में किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है. ऐसे में जब छात्रा बीच-बीच में अपने घर जाया करती थी और अपने प्रेमी से मिला करती थी, इसी दौरान ही वह गर्भवती हुई है.


लापरवाही बरतने पर सुपरिटेंडेट के खिलाफ कार्रवाई


इधर, बीजापुर जिले के शिक्षा अधिकारी बी.आर बघेल का कहना है कि जिले में संचालित जितने भी पोटाकेबिन आवासीय स्कूल हैं, वहां हर महीने छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जाती है, लेकिन कई महीनों से यह टीम नहीं आ रही थी. बीच में यह टीम आई तो जांच के दौरान छात्रा के गर्भवती होने की जानकारी नहीं मिली. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि छात्रा के स्कूल में रहते उसका गर्भवती होना और इस बात की जानकारी नहीं लगना यह घोर लापरवाही है. प्रारंभिक जांच में सुपरिटेंडेट की ओर से लापरवाही बरतने पर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. साथ ही छात्रा के परिजनों से भी बातचीत की गई है और युवक ने भी अपनी गलती कबूल की है. फिलहाल मामले की आगे की जांच की जा रही है.


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