Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर (Ambikapur) शहर के निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद नवविवाहिता 20 वर्षीय महिला ममता अग्रवाल की अचानक तबियत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. अब  परिजनों ने ऑपरेशन और मरीज के देखभाल में लापरवाही बरतने और डॉक्टर पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत गांधीनगर थाने में दर्ज कराई है. वहीं पुलिस ने पंचनामे के बाद मृतिक महिला के शव का तीन डॉक्टरों की विशेष टीम से पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद विसरा जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है. 


मृत महिला ममता अग्रवाल के पिता लखनपुर निवासी संजय अग्रवाल ने थाने में लिखित शिकायत देते हुए बताया कि उनकी पुत्री का विवाह एक वर्ष पहले भटगांव में हुआ था. पुत्री ममता के पेट में दर्द की शिकायत पर उसे आशीर्वाद हॉस्पिटल लाया गया. यहां हॉस्पिटल के संचालक डॉ. आदित्य सिंह ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया था. उन्होंने बताया कि उनकी पुत्री को पथरी की शिकायत है और उनके पास उपलब्ध अत्याधुनिक उपकरण से उसका बेहतर इलाज हो सकेगा. 


दूसरे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया
इसके बाद 10 जुलाई की शाम 6 बजे ममता को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और रात 10 बजे उसे रूम में शिफ्ट कर दिया गया. रात लगभग 1 बजे ममता की तबियत बिगड़ने पर बगैर परिजनों को सूचना दिए उसे दूसरे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया.  रात 2 बजे परिजनों को पता चला कि वह निजी हॉस्पिटल के आईसीयू में एडमिट है, जहां जाने पर पता चला की मरीज की हालत नाजुक है.  वहां ममता को वेन्टीलेटर पर रखा गया था और डॉक्टर ने 12 जुलाई को सुबह जानकारी दी कि ममता अब जीवित नहीं है.


पिता ने डॉक्टर पर लगाया ये आरोप
मृतिका ममता के पिता संजय अग्रवाल ने कहा कि उनकी पुत्री को इससे पहले कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन डॉक्टर द्वारा 48 घंटे तक उन्हें गुमराह किया जाता रहा. वहीं संबंधित आशीर्वाद हॉस्पिटल के संचालक डॉ. आदित्य सिंह ने कहा कि मरीज ममता अग्रवाल को 9 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पित्त की थैली में पथरी होने पर मरीज का प्री-वर्क आउट जैसे ईसीजी, सोनोग्राफी भी कराया गया. इसके बाद रात साढ़े नौ बजे ऑपरेशन के बाद उसे पूरी तरह स्वस्थ हालत में वार्ड में लाया गया.


उन्होंने कहा कि रात लगभग डेढ़ बजे कॉर्डियक अरेस्ट (हार्टअटैक) आने पर वे स्वयं अपनी वाहन से मरीज ममता अग्रवाल को आईसीयू सुविधा वाले दूसरे अस्पताल में दाखिल कराने ले गए थे. उन्होंने यह भी कहा कि मरीज के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है.


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