Durg News: दुर्ग (Durg) स्तिथ छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (Chhattisgarh Armed Forces) की सातवीं बटालियन में इन दिनों खासतौर के डॉग्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. दूसरे बेंच की इस ट्रेनिंग कैंप में कुल बेल्जियम शेफर्ड के 9 डॉग्स को शामिल किया गया है. छह महिनों बाद जब इनका प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा. इसके बाद इन्हें इनके ट्रेनर के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और उन जिलों में डिपोलॉय किया जाएगा, जहां पुलिस विभाग द्वारा इन प्रशिक्षित डॉग्स की मांग की जा रही है.


जब भी कोई बड़ी अपराधिक घटनाएं होती हैं या फिर विस्फोटक सामग्री की जांच की जरूरत होती है, तो अक्सर पुलिस प्रशिक्षित डॉग्स का इस्तेमाल करती है. ऐसे ही कुल 9 डॉग्स को दुर्ग के सातवीं बटालियन में खासतौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है. ये सभी डॉग्स एक ही मां से जन्मे हैं. बेल्जियम शेफर्ड प्रजाति के ये डॉग अभी छः महीने के हैं. वहीं जनवरी अंत तक इनकी ट्रेनिंग पूरी होगी. तब तक ये इसी तरह से अपने-अपने ट्रेनर से सभी तरह के कमांड को सुनकर ट्रेंड होते रहेंगे. 


क्या है इन डॉग्स की डाइट
इन डॉग्स को तीन अलग अलग केटेगरी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनडॉग्स को ट्रेकर, स्निफर और नारकोटिक्स वर्ग में परफेक्ट बनाया जा रहा है. रही बात इनके खाने की, तो इन्हें प्रतिदिन सुबह 750 एमएल दूध और 400 ग्राम चावल दिया जाता है. इसी तरह शाम को इन डॉग्स को 400 ग्राम उबला हुआ मटन और इतना ही चावल खाने को दिया जाता है, ताकि ये डॉग्स ट्रेनिंग के साथ हष्ट -पुष्ट बने रहे सकें. 7वीं बटालियन के कमांडेंट गोवर्धन ठाकुर का कहना है  कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सहित अन्य जिलों में कुल 84 प्रशिक्षित डॉग पुलिस विभाग में एक जवान की भांति सेवाए दे रहे हैं.


6 महीने में पूरी तरह ट्रेंड हो जाएंगे डॉग्स
उन्होंने बताया कि छह महीने बाद जब ये 9 डॉग्स भी पूरी तरह से ट्रेंड हो जाएंगे. इसके बाद जरूरत के अनुसार इन्हें नक्सली क्षेत्रों या उन जिलों में भेजा जाएगा, जहां से इनकी मांग की जा रही है. इसके अलावा इनके ट्रेनर को भी इन्हीं डॉग्स के साथ उन जिलों में भेजा जाएगा. क्योंकि ट्रेनर ही इन डॉग्स के स्वभाव से भलीभांति से परिचित होता है. बता दें हत्या,चोरी, लूट और बम डिफ्यूज करने में विशेष रूप से प्रशिक्षित इस तरह के डॉग्स पुलिस के लिए काफी मददगार होते हैं.


इससे पहले भी 20 डॉग्स 7वीं बटालियन में ही ट्रेनिंग लेकर छत्तीसगढ़ के कई जिलों के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. वहीं अब इन 9 डॉग्स को भी जल्द ही ट्रेनिंग देकर मांग के अनुरूप भेजने की तैयारी की जा रही है.


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