Chhattisgarh News: गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही लिकेज से व्यर्थ बह रहे पानी को बचाने भी अंबिकापुर नगर निगम प्रशासन ने ताकत झोंक दी है. अम्बिकापुर शहर के बढ़ने के साथ ही नए इलाकों में पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है.


वहीं पाइपलाइन में रिसाव होने के कारण कई मोहल्लों में कम और मटमेला पानी पहुंचने की भी समस्या बढ़ रही है. हालांकि इस तरह की जानकारी मिलने पर नगर निगम का मैदान अमला मरम्मत कार्य में जुटा हुआ है. हालांकि मरम्मत और संधारण के लिए कर्मचारियों की कमी होने के कारण कई इलाकों में लेटलतीफी होने से लोगों को शीघ्र राहत नहीं मिल पा रही है. 


अम्बिकापुर शहर के पटपरिया, बाबूपारा, गौरवपथ, स्कूल रोड़ कार्यालय के सामने, कंट्रोल रूम के समीप मौजूदा समय में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है जिससे पानी का व्यर्थ बहाव होने से लोगों के घरों तक पूरी क्षमता के साथ पानी नहीं पहुंच पा रहा है. प्रभावित लोगों का कहना है कि पतला धार आने के कारण टंकी भी नहीं भर पा रही है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना भी पड़ रहा है. 


फिल्टर प्लांट में 3 एमएलडी क्षमता बढ़ाने योजना
अमृत मिशन योजना के तहत कतकालो फिल्टर प्लांट की क्षमता 15 एमएलडी बनाई गई है. शहर में पानी की कमी को देखते हुए इस क्षमता को 3 एमएलडी और बढ़ाने की भी तैयारी में निगम प्रशासन जुट गया है. महापौर डॉ. अजय तिर्की ने बताया कि कतकालो फिल्टर प्लांट की क्षमता बढ़ाने के बाद शहर में सबसे ज्यादा जिस क्षेत्र में पानी की समस्या होगी, उस क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जाएगी. शहर के छह टंकियों को ट्यूबवेल से भरा जा रहा है.


अभी भी टैंकर के भरोसे हैं कई मोहल्ले
अम्बिकापुर शहर में अभी भी कई मोहल्ले टैंकर के भरोसे हैं. सत्तीपारा, मठपारा, तेंदूपारा, बाबूपारा सहित अन्य इलाकों में अभी भी टैंकर से पानी की सप्लाई हो रही है. पाइप लाइन से पानी नहीं पहुंच पाने के कारण इन इलाकों में पेयजल के लिए काफी परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ता है. टैंकर आते ही बाल्टी और बर्तन ले पानी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. जिससे कई बार विवाद की भी स्थिति निर्मित होती है.


75 प्लेसमेंट कर्मियों की है जरूरत
महापौर डॉ. अजय तिर्की का कहना है कि शहर में नगर पालिका के जमाने के सेटअप से अभी भी पुराने वार्ड है जबकि नगर निगम में न सिर्फ वार्ड की संख्या बढ़कर 48 हो गई है, बल्कि शहरीकरण बढ़ने के साथ नए रिहायसी इलाके भी बने है.


मौजूदा समय में अमृत मिशन योजना से भी पानी की सप्लाई हो रही है. मरम्मत और संधारण नित्य प्रक्रिया है. कर्मचारियों की कमी होने के कारण कई बार पाइप लाइन के मरम्मत में परेशानी आती है, जिससे अतिरिक्त 75 प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग शासन से की गई है.


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