पटनाः बिहार की राजनीति अक्सर चर्चा में रही है. एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में पद को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. सवाल उठने लगे हैं कि क्या तेजस्वी यादव ही आरजेडी के अध्यक्ष पद और मुख्यमंत्री दोनों के दावेदार होंगे? मंगलवार को ही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी में पद को लेकर सवाल उठाया तो शिवानंद तिवारी को जवाब देना पड़ गया.


सुशील मोदी ने कहा है कि लालू परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति आरजेडी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बन सकता है. यदि शीर्ष पद किसी अन्य को दिया भी गया, तो वह केवल मुखौटा होगा. उन्होंने कहा कि आरजेडी में न आंतरिक लोकतंत्र है, न इस दल का किसानों-मजदूरों और पिछड़ों-दलितों से कोई वास्ता है. यह काम के बदले जमीन लिखवाने वाली पार्टी है.  


आरजेडी को संभालना पहाड़ का काम नहींः शिवानंद


सारे सवालों पर जवाब देते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा कि आरजेडी में क्यों बदलाव होगा और क्या बदलाव होगा? तेजस्वी हमारे नेता हैं, बिहार विधानसभा का चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ा गया. बिना बदलाव के ही कोई कमी नहीं दिखाई दी. तेजस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे तो उससे क्या होगा? आरजेडी को संभालना कोई पहाड़ का काम नहीं है, लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है.


शिवानंद तिवारी ने कहा कि, “लालू यादव, विधायक दल व पार्टी के पदाधिकारियों ने पहले ही मुहर लगा दी है कि तेजस्वी ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे. तेजस्वी यह कभी नहीं चाहेंगे कि उनके पिता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनसे वे यह पद ले लें. आरजेडी के स्थापना दिवस पर लालू प्रसाद यादव का जबरदस्त भाषण हुआ, मैंने सोचा नहीं था कि तबीयत खराब होने के बाद भी लालू यादव इतना शानदार भाषण दे सकेंगे, लेकिन उन्होंने पूरी तरीके से पॉलिटिकल भाषण दिया.”


लालू यादव के तजुर्बों के बारे में बताते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा कि उनके पास अनुभव है और वह स्कूल और कॉलेज में नहीं पढ़ाया जाता है. तेजस्वी यादव को पिता के अनुभव का लाभ मिल रहा है. मीडिया का ख्याली पुलाव है कि तेजस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे लेकिन अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है.


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