पटनाः पूर्व सांसद और दलित सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र पासवान की दूसरी पुण्यतिथि पर उनके भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने श्रद्धांजलि दी. दिल्ली के एलजेपी कार्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि देने के दौरान पार्टी से जुड़े कई अन्य सांसद भी मौजूद रहे. इस दौरान श्रद्धा सुमन अर्पित करने बाद पशुपति पारस ने अपने भाई के बारे पुरानी बातों को याद करते हुए भावुक हो गए.


केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि, “यह दुख की घड़ी है. हम तीन भाई थे. सबसे बड़े रामविलास पासवान जी और हमसे छोटे भाई रामचंद्र पासवान. आज दोनों छोड़कर चले गए हैं. हमलोग ग्रामीण परिवेश से आते हैं. हमारे पिताजी एक अच्छे किसान थे, वो संत थे. उन्हीं का आशीर्वीद है कि गांव से उठकर आज यहां तक पहुंचे हैं. हम तीनों भाइयों के चार बेटे हैं. रामचंद्र जी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है. हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा कोई परिवार नहीं होगा कि उसके घर से पांच सांसद हुआ हो. हम तीन भाइयों के अलावा दो बेटे भी सांसद बने. यह गौरव की बात है.” यहां प्रिंस के साथ चिराग पासवान का भी उन्होंने नाम लिया.






बीते दो वर्ष परिवारिक तौर पर कष्ट देने वाले रहेः चिराग


वहीं, दूसरी ओर सांसद चिराग पासवान नें भी अपने चाचा रामचंद्र पासवान को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “समस्तीपुर लोकसभा के पूर्व सांसद व मेरे छोटे चाचा जी स्वर्गीय रामचंद्र पासवान जी की पुण्यतिथि पर उनको नमन करता हूं. पहले छोटे चाचा जी फिर पापा के निधन के कारण पिछले दो वर्ष परिवारिक तौर पर बेहद कष्ट देने वाले रहे हैं. छोटे चाचा जी की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता. विनम्र श्रद्धांजलि.”


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