बिहार के परिवहन विभाग की ओर से एक बड़ी पहल की गई है. अब बिहार में वीवीआईपी को टोल टैक्स नहीं देना होगा. इसमें नेताओं से लेकर अधिकारियों तक की गाड़ियां शामिल होंगी. बिहार सरकार ने सांसदों, विधायकों, मंत्रियों व अन्य अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीवीआईपी) से अपनी सरकारी गाड़ियों में छूट वाले फास्टैग लगाने का गुरुवार (04 दिसंबर, 2025) को आग्रह किया ताकि उन्हें टोल प्लाजा पर पूर्ण छूट मिल सके और वे बिना किसी बाधा के टोल प्लाजा से उनके वाहन निकल सकें.

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'एक्जेम्प्शन पोर्टल' पर करना होगा पंजीकरण

राज्य के परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने सभी संबंधित वीवीआईपी को पत्र लिखकर अपने पात्र सरकारी वाहनों पर "एक्जेम्प्टेड फास्टैग" (छूट वाला फास्टैग) शीघ्र लगवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के 'एक्जेम्प्शन पोर्टल' पर अनिवार्य पंजीकरण कराने का आग्रह किया है.

तीन महीने के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य

बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि भारत सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत सभी पात्र सरकारी वाहनों को तीन महीने के भीतर एनएचएआई के 'एक्जेम्प्शन पोर्टल' पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य के कई वीवीआईपी अपनी गाड़ियों को पोर्टल पर पंजीकृत कराने के बाद टोल प्लाजा से बिना रुके गुजर पा रहे हैं जिनमें सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री और मुख्य सचिव आदि शामिल हैं.

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'महत्वपूर्ण बैठकें और सरकारी कार्यक्रम होते हैं प्रभावित'

श्रवण कुमार ने कहा कि वीवीआईपी वाहनों को टोल प्लाजा पर रोके जाने से कई बार महत्वपूर्ण बैठकें और सरकारी कार्यक्रम प्रभावित होते हैं तथा उनकी सुविधा और समय की बचत को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था लागू की गई है. उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी पात्र व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से भी पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने वाहनों की पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड कराकर छूट वाला फास्टैग लगवा लें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की असुविधा न हो.

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