बिहार के मोतिहारी से बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार का महिलाओं को लेकर दिया गया बयान राजनीतिक बवाल बन गया है. मामला तब सामने आया जब मीडिया ने उनसे पूछा कि कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी संसद में कुत्ता लेकर क्यों गई थीं. इस पर विधायक ने कहा कि बहुत सारी लेडीज हैं, जो संतुष्टि के लिए कुत्ते के साथ सोती हैं. मोबाइल पर देख लीजिए, सब मिल जाएगा. उनके इस बयान को लेकर भारी विरोध होने लगा है.
सूत्रों के मुताबिक, मीडिया ने जब फोन पर उनसे बयान के बारे में बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. वहीं, राजद और कांग्रेस ने बीजेपी पर नैतिकता का सवाल उठाते हुए विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को संतुष्टि तब मिलती है, जब उनके नेता महिलाओं के खिलाफ ऐसी अभद्र टिप्पणियां करते हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग विधायक की आलोचना कर रहे हैं और सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.
रेणुका चौधरी का संसद में कुत्ता लाना बना विवाद की जड़
1 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी एक छोटा पिल्ला लेकर संसद पहुंचीं. बीजेपी सांसदों ने इसे संसद के नियमों का उल्लंघन बताते हुए नाराजगी जताई. पूछे जाने पर रेणुका चौधरी ने कहा कि रास्ते में घायल होने की आशंका वाले पिल्ले को बचाने के लिए वे उसे उठाकर ले आईं. उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा कि काटने वाले और डसने वाले संसद में बैठे हैं, कुत्ते नहीं.
उनका कहना था कि उन्होंने पिल्ले को सिर्फ सुरक्षित रखने के लिए गाड़ी में रखा और बाद में वापस भेज दिया. उनके इस कदम को लेकर बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कार्रवाई की मांग की थी.
क्या कहता है संसद का नियम?
संसद परिसर में पालतू जानवर लाना पूरी तरह प्रतिबंधित है. संसद भवन परिसर व्यवहार एवं आचरण नियमों के तहत केवल अधिकृत व्यक्ति, वाहन और सामग्री को ही अनुमति दी जाती है. लोकसभा हैंडबुक में भी स्पष्ट है कि कोई भी जीव या वस्तु जो सुरक्षा या मर्यादा को प्रभावित करें, उसे अंदर नहीं लाया जा सकता.
बीजेपी विधायक पर बढ़ा राजनीतिक दबाव
कांग्रेस और राजद के नेताओं ने इस बयान को महिलाओं का अपमान बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता स्नेहाशीष वर्धन ने कहा कि यह बयान बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता दर्शाता है. उन्होंने तत्काल माफी की मांग की. राजद नेताओं ने सवाल उठाया कि बीजेपी की महिला नेता इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं. वहीं, यह विवाद उस समय और बढ़ गया है जब रेणुका चौधरी तेलंगाना से दोबारा राज्यसभा सांसद बनी हैं और लंबे समय से महिला अधिकारों पर मुखर रही है. मामला अब सिर्फ एक बयान का नहीं, बल्कि संसद की मर्यादा और महिला सम्मान का मुद्दा बन गया है.
ये भी पढ़िए- 'एक पूर्व IPS ने मेरे निजी एवं परिवार…', तेज प्रताप यादव का बड़ा आरोप, थाने तक पहुंचा मामला