पटना: बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने सोमवार को पांच सालों के बाद फिर एक बार जनता दरबार कार्यक्रम की शुरुआत की है. कोरोना काल में आयोजित जनता दरबार में सैकड़ों लोग मुख्यमंत्री से अपनी परेशानी साझा करने पहुंचे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भी बड़े ध्यान से लोगों की परेशानी सुनकर, उसका समाधान करने के लिए आवश्यक निर्देश दे रहे हैं. इसी क्रम में गया से पहुंची युवती आगे पढ़ाई के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड बनवा देने की गुहार लगाते हुए फूट-फूटकर रो पड़ी. 


क्या है पूरा मामला ?


गया से आई युवती ने बताया कि उसने हाल ही में बुद्धा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गया में पॉलिटेक्निक में नामांकन कराया है. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इस वजह से उसने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड कर लिए अप्लाई किया था. लेकिन वो नहीं बन पा रहा. इस पर मुख्यमंत्री ने पूछताछ की तो ये बात सामने आई कि पढ़ाई के बीच में उसने गैप लिया था और इस दौरान उसने राज्य सरकार की ओर से बेरोजगारों को दिए जाने वाले भत्ता का लाभ उठाया था. 


अधिकारी को कॉल कर दिया निर्देश 


ऐसे में मुख्यमंत्री ने युवती से इस संबंध में पूछताछ की, जिस पर उसने कहा कि उसे जानकारी नहीं थी कि बेरोजगारी भत्ता लेने के बाद फिर पढ़ाई के लिए सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता. उसने केवल दो महीने ही बेरोजगारी भत्ता लिया, बाद में नहीं लिया. अगर जानकारी होती तो वो ऐसी गलती नहीं करती. ये कहकर वो रोने लगी. जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को कॉल किया और युवती को तत्काल योजना से लाभान्वित करने का निर्देश दिया. 


इधर, एक अन्य युवक जो कॉलेज द्वारा कॉलेज लीविंग सर्टिफिकेट देने के नाम पर अवैध वसूली का मामला लेकर पहुंचा था की बात मुख्यमंत्री ने सुनी और तत्काल उसे संबंधित अधिकारियों को पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, " पूरी जानकारी दे दें, हम जांच करके एक्शन न करेंगे." ध्यान देने वाली बात है कि इस बार मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अधिकतर युवा पहुंच रहे हैं, जो शिक्षा-रोजगार से संबंधित परेशानियों के समाधान करने की गुहार लगा रहे हैं.


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