बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वे मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि चुनाव आयोग की अपारदर्शी कार्यप्रणाली का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के नाम लिस्ट से हटा दिए गए, लेकिन यह बताने वाला कोई नहीं है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया.

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर क्या कहा?

तेजस्वी यादव का आरोप है कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट की सलाह को भी अनदेखा कर रहा है और खुद को एक संवैधानिक संस्था बताकर अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहा है. तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह के दो ईपिक नंबर पर भी कहा कि डिप्टी सीएम का मामला तो प्रकाश में आता ही नहीं. हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, तब सामने आया. उपमुख्यमंत्री ने तो खुद सारा मामला चुनाव आयोग पर थोप दिया.

उन्होंने कहा, "यह बिहार का दुर्भाग्य है। लगातार कई मतदाताओं का नाम काटा जा रहा है, कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं है और कई लोग ऐसे हैं जो बिहार के बाहर रह रहे हैं लेकिन बिहार में ही मतदान करते हैं. यह भाजपा का षड्यंत्र है और भाजपा, चुनाव आयोग को आगे करके अपना काम करवा रही है. एसआईआर का कोई विरोध नहीं कर रहा है बल्कि उसकी प्रक्रिया का विरोध है.

बिहार को जरूरत विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे की थी ताकि बिहार आगे बढ़े, लेकिन एसआईआर करवाया जा रहा है. इस SIR पर कल कोर्ट में सुनवाई है. लोग अपने पक्ष को रखेंगे लेकिन कई बार चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट की भी बात को नहीं मान रहा है. चुनाव आयोग संवैधानिक संस्थान होने का दुरुपयोग कर रहा है. 

17 अगस्त से होगी वोट अधिकार यात्रा-तेजस्वी

उन्होंने आगे कहा कि 17 अगस्त से वे और उनकी पार्टी "वोट अधिकार यात्रा" पर निकल रहे हैं. इस यात्रा के माध्यम से वे जनता के बीच जाकर उन्हें उनके मतदान अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे और बताएंगे कि किस प्रकार से उनके अधिकारों का हनन हो रहा है.

इस अभियान में राहुल गांधी सहित इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता भी शामिल होंगे. तेजस्वी ने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान वे बिहार में व्याप्त अपराध, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अव्यवस्था के मुद्दों पर भी जनता से संवाद करेंगे.

ये भी पढ़ें: Bihar Free Electricity: सीएम नीतीश बिजली पर लेंगे फीडबैक, तमाम जिलों के उपभोक्ताओं से करेंगे संवाद