पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष सोमवार को पटना पहुंचे. राजधानी पहुंचते ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके जनता दरबार कार्यक्रम पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में 1200 करोड़ से अधिक जनता है. मुख्यमंत्री एक सप्ताह में तकरीबन 200 लोगों से मुलाकात करेंगे. ऐसे में इसका कोई फायदा नहीं होने वाला. कोरोना काल में दूर दराज से अधिकारी लोगों को लेकर आ रहे हैं. ऐसे में सरकार का अतिरिक्त खर्च हो रहा. निदान कुछ निकल कर नहीं आ रहा. 


अधिकारियों के मुख्यमंत्री हैं नीतीश कुमार


तेजस्वी यादव ने कहा, " अभी अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केवल ढोंग कर रहे हैं. लगातार हम लोग कहते आए हैं कि नीतीश कुमार जनता के नहीं अधिकारियों के मुख्यमंत्री हैं. जनता दरबार भी तब शुरू किया जब हमने लगातार कहा कि मुख्यमंत्री जनता से नहीं मिलते." वहीं, इस दौरान जब उनसे आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये सब बकवास बातें हैं, कोई आधार नहीं है इन बातों का. इस दौरान उन्होंने बताया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव जल्द बिहार आएंगे. 


जनता ने मुख्यमंत्री को नकार दिया


इधर, मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम पर तंज कसते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंज तिवारी ने कहा कि जिन्होंने राज्य में जनता की समस्याओं की भरमार लगा दी, वो अब जनता दरबार लगा रहे हैं. लेकिन ये सब करने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि चुनाव में पहले ही जनता ने उन्हें नकार दिया है. तीन नंबर की पार्टी बनकर रह गए. जनता के बीच जाने की उनमें हिम्मत नहीं है. 


पार्टी प्रवक्ता ने कहा, " जनता दरबार में लोगों को न्याय नहीं मिलता. वो चक्कर लगाकर, थक कर बैठ जाते हैं. पहले भी जनता दरबार का क्या हश्र हुआ था, वो सबको मालूम है. जनता की समस्या का निदान जनता दरबार लगाने से नहीं होगा. ये केवल आई वाश है. जनता के बीच जाकर उनकी पीड़ा को समझिए और सबसे पहले अफसरशाही पर लगाम लगाइए.


यह भी पढ़ें -


Senari Massacre: सेनारी नरसंहार की अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, पटना हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को किया था बरी


 


Bihar Politics: जीतन राम मांझी का लालू-राबड़ी पर हमला, 2005 से पहले की तुलना कर CM नीतीश को बताया बेहतर