बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित वोट चोरी के मुद्दे पर विपक्षी दल के सांसदों ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया. राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद भवन के मकर द्वार से चुनाव आयोग की तरफ मार्च निकाला लेकिन पुलिस ने सांसदों को हिरासत में लेकर आगे बढ़ने से रोक दिया. अब लगातार विपक्षी दल और सत्ता पक्ष के नेताओं की ओर से इस पर प्रतिक्रिया दी जा रही है. कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने चुनाव आयोग को घेरा है.
'चुनाव आयोग कटघरे में खड़ा है'
तारिक अनवर ने कहा, "सवाल ये है कि चुनाव आयोग इधर-उधर की तो बात कर रहा है, अब हम लोग यही कहना चाहते हैं कि तू न इधर-उधर की बात कर ये बता कि कारवां क्यों लूटा. तो ये जो वोटों की लूट हुई है, चोरी हुई है, जिस तरह से राहुल गांधी ने पूरी बातों को सामने रखा है… देश के सामने रखा है, तो अब तो कोई गुंजाइश नहीं है. चुनाव आयोग कटघरे में खड़ा है. उनको तो बताना होगा कि ये सब चीजें जो हो रही थीं लगातार और सरकार को सत्ता में बनाए रखने के लिए, यह उचित नहीं है."
चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था: मांझी
वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मेरी समझ से एसआईआर के खिलाफ में किसी तरह का विरोध करना उचित नहीं है. चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है. उसने पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया है. दूसरी बात कि यह कोई नया नहीं है. 2003 में भी हुआ है. यह एक प्रक्रिया है. इसमें भी चुनाव आयोग ने समय दिया है कि हम सुनेंगे. अब कोई मुद्दा नहीं है तो इस प्रकार से राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कसरत जो कर रहे हैं तो मेरी समझ से उचित नहीं है.
उधर आरजेडी सांसद मनोज झा ने इंडिया गठबंधन के सांसदों के चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च करने पर कहा, "अगर आप जगह का हवाला देकर सांसदों से नहीं मिल सकते हैं, तो यह अपने आप में एक टिप्पणी है कि आपकी कार्यशैली किस प्रकार की है… यह (एसआईआर) फर्जीवाड़ा है, वर्गीकृत डाटा आप नहीं दे रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद आपकी(चुनाव आयोग) हठधर्मिता जा नहीं रही है."