Sushil Kumar Modi on Paper Leak: बिहार में तीसरे चरण की हुई शिक्षक भर्ती की परीक्षा को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कहा है कि पेपर लीक (Paper Leak) हुआ है. इस पेपर लीक कांड पर एक तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश सरकार (Nitish Government) को घेरा है तो वहीं बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने करारा जवाब देते हुए 2023 की याद दिलाई है जब आरजेडी सरकार में थी.


पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार (17 मार्च) को बयान जारी करते हुए कहा कि पिछले साल एक अक्टूबर को जब बिहार में 21 हजार 391 पदों पर सिपाही भर्ती के लिए 529 केंद्रों पर परीक्षा हुई, तब 100 से ज्यादा केंद्रों पर नकल-कदाचार की शिकायतें मिली थीं. 64 मामलों में 148 लोग गिरफ्तार हुए थे. क्या तेजस्वी यादव इसी को प्रतियोगिता परीक्षाओं का स्वर्ण काल बता रहे हैं? अक्टूबर 2023 में किसकी सरकार थी? नकल माफिया के पीछे कौन था?


सुशील मोदी ने कहा, "सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामला इतना गंभीर था कि उसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से कराई जा रही है. इसकी रिपोर्ट आने पर कई चेहरे सामने आएंगे. बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण में पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से पहले आरजेडी को अपना समय नहीं भूलना चाहिए."


बिहार में बने सख्त कानून बनाने की मांग


आगे सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में हर तरह के पेपर लीक पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के अर्थदंड लगाने का कड़ा कानून इस साल फरवरी से लागू किया है. बिहार में भी ऐसा कानून बनना चाहिए ताकि राज्य स्तर की परीक्षाओं को पेपर लीक मुक्त किया जा सके.


बता दें कि तेजस्वी यादव ने कहा है कि उनके समय में 70 दिनों में दो चरण में दो लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में 17 लाख से अधिक अभ्यर्थी थे लेकिन कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली थी. सब नियुक्ति निष्पक्ष, पारदर्शी और सहज प्रक्रिया से हुई.


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