Bihar Lok Sabha Elections: बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को चुनाव के लिए वोटिंग होगी. इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा. यहां से दो मंत्रियों के बेटा-बेटी आमने-सामने हैं. सबसे बड़ी बात है कि दोनों मंत्री एक ही पार्टी जेडीयू से नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं. अब उनके बच्चे अलग-अलग पार्टी से लड़ रहे हैं. शांभवी चौधरी एलजेपीआर से तो सन्नी हजारी कांग्रेस से मैदान में हैं.


समस्तीपुर आरक्षित सीट है. चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार के बेहद खास और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दिया है. इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने सोमवार (22 अप्रैल) की शाम ऐलान किया कि समस्तीपुर से महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी को मौका दिया जाएगा.


महेश्वर हजारी नीतीश मंत्रिमंडल में सूचना जनसंपर्क मंत्री हैं. बता दें कि सन्नी हजारी समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के प्रमुख भी हैं. जाहिर है दोनों उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से जेडीयू में हलचल काफी तेज है. मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है. बहरहाल अब समस्तीपुर की जनता किसे जीत का ताज पहनाती है यह तो देखने वाली बात होगी.


समस्तीपुर और उजियारपुर लोकसभा के लिए आगामी 13 मई को चुनाव होना है. इसको लेकर बीते 18 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 19 अप्रैल को समस्तीपुर से एनडीए गठबंधन से एलजेपी (रामविलास) की उम्मीदवार शांभवी चौधरी और उजियारपुर से आरजेडी उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता ने नामांकन किया.


40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक समस्तीपुर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. इसमें समस्तीपुर जिले की चार कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, रोसड़ा और दरभंगा जिले की दो कुशेश्वर स्थान और हायाघाट विधानसभा सीट शामिल है. समस्तीपुर पहले सामान्य सीट थी. 2009 में नए परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कर दिया गया.


समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से अब तक के सांसद


1952: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (समस्तीपुर पूर्व के रूप में)


1957: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1962: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1962: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जयनगर से)


1967: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1971: यमुना प्रसाद मंडल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1977: कर्पूरी ठाकुर, जनता पार्टी


1978: उपचुनाव: अजीत कुमार मेहता , जनता पार्टी


1980: अजीत कुमार मेहता, जनता पार्टी (एस)


1984: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1989: मंजय लाल कुशवाहा, जनता दल


1991: मंजय लाल, जनता दल


1996: अजीत कुमार मेहता, जनता दल


1998: अजीत कुमार मेहता, राष्ट्रीय जनता दल


1999: संजय लाल, जनता दल (यूनाइटेड)


2004: आलोक कुमार मेहता, राष्ट्रीय जनता दल


2009: महेश्वर हजारी, जनता दल (यूनाइटेड)


2014: रामचंद्र पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी


2019: रामचंद्र पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी


2019: राम चंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में उनके बेटे प्रिंस राज (लोजपा) ने जीत हासिल की.


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