पटना: एक तरफ बिहार सरकार (Bihar Government) दस लाख सरकारी नौकरी (Sarkari Naukari) देने का वादा करती है तो दूसरी तरफ समग्र शिक्षा अभियान में केंद्र से केंद्रांश समय पर नहीं मिलने से शिक्षकों की वेतन में देरी की बात कह रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में दस लाख सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी? बता दें कि केंद्रीय राशि को लेकर वित्त मंत्री विजय चौधरी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्रीय धनराशि समय पर नहीं मिलती है, जिससे शिक्षकों को सैलरी देने में परेशानी होती है.


'केंद्र सरकार कर रही है कटौती'


विजय चौधरी ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान, मनरेगा समेत कई ऐसी योजनाएं हैं जिसमें केंद्र सरकार सौ फीसदी राशि देती थी लेकिन अब 60 प्रतिशत देती है. 40 प्रतिशत राज्य सरकार को देना पड़ता है. अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रवृति योजनाओं में केंद्र सरकार ज्यादा राशि देती थी लेकिन इसमें भी कमी की गई है. छात्रवृत्ति वाली इन योजनाओं के लिए केंद्र सरकार अब पैसा देना ही बंद करने वाली है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कह चुके हैं कि केंद्र सरकार योजना बंद कर देगी तो हम लोग अपने संसाधन से इन योजनाओं को चलाएंगे.


बिहार को विशेष मदद की जरूरत है- विजय चौधरी 


वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो 60 फीसदी पैसा केंद्र सरकार को देना है वो भी केंद्र सरकार अब समय पर नहीं दे रही है. बिहार सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिसमें हमारी उपलब्धियां राष्ट्रीय औसत से ज्यादा उंची हैं. इसके बाद भी हम गरीब राज्य हैं. हमारे पास प्राकृतिक संसाधन नहीं है. विशेष मदद की जरूरत बिहार को है. विशेष मदद पाने के लिए नीति आयोग के मापदंड पर भी बिहार खरा उतरता है तब भी केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है. बिहार में जब एनडीए सरकार थी तब भी केंद्र सरकार पैसा देने में बहुत देरी करती थी.


सरकार दस लाख नौकरी के लिए वेतन कहां से लाएगी?


बता दें कि महागठबंधन की सरकार बनने से पहले ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिहार में दस लाख सरकार नौकरी देने की बात कही थी. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने 20 लाख नौकरी सृजन करने की बात कह चुके हैं. तेजस्वी यादव तो कई बार दस लाख नौकरी वाली बात को भी दोहरा चुके हैं. वहीं, केंद्रीय राशि को लेकर छिड़ा विवाद में अब वित्त मंत्री विजय चौधरी केंद्र पर आरोप लगा रहे हैं कि समय पर केंद्र अपने हिस्सा का राशि नहीं देती है, जिससे शिक्षकों को वेतन समय पर देने में परेशानी होती है. वहीं, सवाल उठता है कि फिर राज्य सरकार दस लाख नौकरी के लिए वेतन कहां से लाएगी?


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