Bihar News: बिहार (Bihar) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) गठबंधन  की सरकार प्रदेश के अलग-अलग जिलों के मठ और मंदिर की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाएगी. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने शुक्रवार को इसका एलान प्रदेश की विधानसभा में किया. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सवाल किया थ, जिस पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ये बात कही. 


3 महीने के भीतर अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित किया जाएगा- सम्राट चौधरी
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को कहा "राज्य में अपंजीकृत मंदिरों और मठों की भूमि पर किसी भी अतिक्रमण की जांच के लिए एक सर्वेक्षण चल रहा है. उन्होंने कहा एक बार अभ्यास पूरा होने के बाद, तीन महीने के भीतर अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित किया जाएगा. सम्राट चौधरी ने विधानसभा में कहा, “राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अपंजीकृत या पंजीकृत मंदिरों और मठों से संबंधित भूमि सहित अचल संपत्तियों की कोई बिक्री/खरीद न हो." उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि, राजस्व विभाग प्रदेश में अपंजीकृत मंदिरों और मठों से संबंधित जमीन के सर्वेक्षण का काम कर रहा है.


राज्य में लगभग 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ
बता दें कि, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं, जिनके पास 4,321.64 एकड़ से अधिक भूमि है. पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या लगभग 2,499 है, और इनके पास 18,456 एकड़ से अधिक भूमि है. ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा “राज्य सरकार पंजीकृत/अपंजीकृत मंदिरों/मठों की संपत्तियों की बिक्री/खरीद की अवैध प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. बिहार के सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के साथ पंजीकृत होना चाहिए.”


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