सहरसा: बिहार के गोपालगंज के पूर्व डीएम जी. कृष्णिया हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग अब फिर से उठने लगी है. बिहार विधानसभा चुनाव करीब है, ऐसे में उनके समर्थक उनकी रिहाई की मांग को लेकर अब गोलबंद होने लगे हैं.


आंदोलन की करेंगे शुरुआत


इसी क्रम में समर्थकों ने गुरुवार को एक बैठक की, जिसमें आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार के सभी जिलों, गांव, कस्बों और पंचायत स्तर तक एक रणनीति के तहत आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है. आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर एक पोस्टरवार शुरू होगा, जिसमें आनंद मोहन की रिहाई से जुड़े मुद्दे और नारेबाजी लिखे होंगे और आंदोलन की शुरुवात की जाएगी.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था वादा


समर्थकों की मानें तो जदयू की ओर से बीते महाराणा प्रताप की जयंती समारोह के अवसर पर पटना के मिलर स्कूल के मैदान में जब हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ ने आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी, तो मंचासीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये कहा था कि जितनी चिंता आपको है आनंद मोहन की उससे कहीं ज्यादा चिंता हम करते हैं. वो हमारे पुराने मित्र हैं और हम लगे हुए हैं. जल्द ही कुछ अच्छा होगा, लेकिन आजतक इसका कुछ नतीजा निकल कर सामने नहीं आया, जिसकी वजह से लोग अब रोषपूर्ण आंदोलन करने को तैयार हैं.


सरकार को कराएंगे एहसास


उनके समर्थकों का कहना है कि अभी चुनाव में डेढ़ दो महीने का वक़्त है, इस अवधि में आनंद मोहन से जुड़े जो भी जाति सम्प्रदाय के लोग हैं वो सभी सरकार को एहसास कराएंगे कि जो हमें तिरस्कार करेगा उसे हम तिरस्कृत करेंगे.