पटनाआठ साल बाद एक बार फिर पटना में रविवार (10 दिसंबर) को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक होने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में बैठक होगी. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार के मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल होंगे. अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री की उपस्थित नहीं हुई तो उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे. उम्मीद की जा रही है कि बिहार सहित चार राज्यों के विकास को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है. हालांकि इसके पहले ही इस बैठक को लेकर सियासत तेज हो गई है.


शनिवार (09 दिसंबर) को एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए आरजेडी के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि अमित शाह की अध्यक्षता में जो बैठक होगी इससे मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है. 10 साल नरेंद्र मोदी की सरकार में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई लेकिन बिहार के लिए अभी तक कुछ नहीं किया गया है. बिहार का विकास जो होना चाहिए उस पर कभी केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.


विशेष उम्मीद ना होने की बताई वजह


सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में सामाजिक सर्वे हुआ जिसमें 70% लोग 60 रुपये से नीचे की आमदनी वाले हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. अहमदाबाद से मुंबई के लिए बुलेट ट्रेन चलाने का काम किया जा रहा है जिसमें डेढ़ लाख करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. लंबे समय से कोसी डैम की मांग की जा रही है जिसमें लगभग एक लाख करोड़ खर्च होंगे पर आज तक इस पर कभी चर्चा नहीं की गई है इसलिए इस बैठक से हम विशेष उम्मीद नहीं कर रहे हैं.


'21 साल से हो रही विशेष राज्य के दर्जे की मांग'


बैठक में बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर सवाल उठेगा या नहीं इस पर सुधाकर सिंह ने कहा, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसकी मांग 2002 से तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने की थी और आज 21 साल से यह मांग लगातार केंद्र सरकार से उठ रही है. अगर कोई कानून विशेष राज्य के दर्जे में बाधा बन रहा है तो विशेष सहायता में तो कोई दिक्कत नहीं है, उसको तो दिया जा सकता है. अगर बिहार को विशेष सहायता मिलती है तो बिहार में एजुकेशन सिस्टम, शहरीकरण सिस्टम, कोसी परियोजना अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधा पर काम किया जा सकता है. केंद्र सरकार बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों पर कभी ध्यान नहीं देने वाली है."


छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत पर सुधाकर सिंह ने कहा कि यह अलग बात है कि तीनों जगह पर बीजेपी की जीत हुई है लेकिन कांग्रेस के जनाधार में कमी नहीं आई है. वोट प्रतिशत में ज्यादा कमी नहीं हुई है. हार जीत कोई मायने नहीं रखता है, जनाधार अभी भी कायम है.


वहीं रेवंत रेड्डी द्वारा दिए गए बयान को लेकर सुधाकर सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर उन्होंने राज्य का नाम लेकर डीएनए की बात की है. यह गलत बात है, लेकिन उन्होंने जाति का नाम नहीं लिया है. यह गलत अफवाह फैलाई जा रही है.


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