पटना: चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond Scheme) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर जेडीयू और आरजेडी (RJD) ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी. पूर्व मंत्री व जेडीयू विधायक मदन सहनी (Madan Sahani) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया उसको सभी राजनीतिक दल मानेंगे. अगर कोई चंदा देते हैं तो उसको गुप्त रखने का कोई औचित्य भी नहीं है. दान और चंदा दोनों अलग अलग चीज है. दान को गुप्त रखने की परंपरा रही है. वहीं, आरजेडी विधायक ऋषि कुमार (Rishi Kumar) ने कहा कि बीजेपी को सबसे ज्यादा फंड मिलता है. यह जग जाहिर है. चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय जो आया है वो बीजेपी (BJP) के ऊपर तगड़ा प्रहार है. 


इस फैसले से बीजेपी को झटका लगा है- आरजेडी


ऋषि कुमार ने कहा कि इस फैसले से बीजेपी को झटका लगा है. हमलोंगों को कोई नुकसान नहीं है. बीजेपी के जो जिले के कार्यालय रहते हैं वह भी फाइव स्टार होटलों को फेल कर देते हैं. वहीं, आगे मदन सहनी ने कहा कि बड़े बड़े लोग राजनैतिक दलों को चंदा देते हैं. इसको अगर सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है तो कहीं कोई परेशानी नहीं है.


सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को रद्द कर दिया 


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक मानते हुए इस योजना को रद्द कर दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि किसी राजनीतिक दल को वित्तीय योगदान देने से बदले में उपकार करने की संभावना बन सकती है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को गुमनाम चंदे वाली चुनावी बांड योजना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत प्रदत्त मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है. वहीं, चुनावी बॉन्ड की घोषणा साल 2018 में की गई थी. इसमें किसी भी पार्टी को चंदा देने वाले का नाम गुप्त रहता था.


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