पटना: शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Chaudhary) ने गुरुवार को कहा कि हमने नियोजित शिक्षकों को धैर्य रखने को कहा है. नीतीश सरकार (Nitish Kumar) नियोजित शिक्षकों का ख्याल रखेगी. कुछ शिक्षक संगठनों ने आंदोलन को स्थगित भी कर दिया है. उनकी जो कठिनाइयां थीं उसमें मुख्य रूप से सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन होने की बात थी. बहुत शिक्षकों को ऑनलाइन परीक्षा देने में दिक्कत थी. नियोजित शिक्षकों ने ऑफलाइन यानि लिखित परीक्षा की मांग थी. हमलोग ये निर्णय ले रहे हैं जो नियोजित शिक्षक ऑनलाइन एग्जाम नहीं देना चाहते हैं उनका ख्याल रखते हुए अभी जो 3 ऑनलाइन परीक्षा हो रही है, इसके अलावा दो ऑफलाइन परीक्षा भी लेंगे.
इस तरह पांच अवसर उपलब्ध होंगे. हम शिक्षकों से अपील करते हैं कि आप अध्यापन में रूचि लें.
नियोजित शिक्षक कर रहे हैं मांग
बता दें सरकारी स्कूलों के नियोजित शिक्षकों की मांग है कि बिना शर्त उन लोगों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. कोई परीक्षा नहीं ली जाए. जबकि शिक्षा विभाग की ओर से आदेश आया था कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी. जो सफल हो जाएंगे उनको राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. पर्मानेंट नौकरी मिलेगी और जो परीक्षा में फेल होंगे उनकी नौकरी चली जाएगी. परीक्षा में शामिल होने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे. परीक्षा देनी ही होगी, लेकिन नियोजित शिक्षक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं. बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब चार लाख है.
नियोजित शिक्षक कर रहे हैं प्रदर्शन
पटना के गर्दनीबाग में बहुत बड़ा धरना प्रदर्शन भी नियोजित शिक्षकों ने किया था. बिहार में लगातार आंदोलन कर रहे थे. फिलहाल नियोजित शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन रोक दिया है. नियोजित शिक्षकों का कहना है कि पूर्व से ही शिक्षक पात्रता/दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण हैं. ऐसे में सक्षमता परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है. सरकार इस परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की छंटनी करना चाहती है. नियोजित शिक्षकों ने कहा कि सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन ली जाएगी. इससे भी हम लोगों को दिक्कत है. अधिकांश नियोजित शिक्षक कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं रखते हैं इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन करना भी है तो ऑफलाइन किया जाए.
दो बार ऑफलाइन परीक्षा ली जाएगी- विजय चौधरी
आज शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने साफ कर दिया कि नियोजित शिक्षकों के लिए दो बार ऑफलाइन परीक्षा ली जाएगी. नियोजित शिक्षकों की एक मांग को सरकार ने मान ली है, लेकिन नियोजित शिक्षकों का यह भी कहना है कि वह लोग परीक्षा नहीं देना चाहते हैं. बिना परीक्षा के, बिना किसी शर्त के उन लोगों को राज्यकर्मी कर्मी का दर्जा दिया जाए, यह नियम भी हटाया जाए की जो फेल होंगे उनकी नौकरी चली जाएगी.
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