बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का एसआईआर अभियान चल रहा है. राज्य में अब तक 86.32 प्रतिशत गणना प्रपत्र एकत्र किए गए हैं. 10 दिन और शेष हैं. 12 प्रतिशत फार्म भरना अभी बाकी है. अलग- अलग कारणों से लगभग 35.70 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक साढ़े पांच लाख लोगों का नाम दो-दो बार दर्ज है.
क्या थी वीआईपी चीफ मुकेश सहनी का बयान?
इस बीच बिहार में वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि किसी भी कीमत पर एसआईआर बिहार में बर्दाशत नहीं किया जाएगा और इसे लेकर दंगल होगा. बीएलओ के घर जला देंगे. उनके इस बयान पर बिहार की राजनीति गरमा गई है. स्ता पार्टी के तमाम नेता मुकेश सहनी और महागठबंधन पर हमलावर हैं.
इसे लेकर एबीपी न्यूज के महादंगल कार्यक्रम में सत्ता पार्टियों के प्रवक्ताओं ने इस बयान को गलत ठहराया, जबकि विपक्ष के नेताओं ने कहा कि ये गरीब लोगों के साथ अन्याय है. इतने कम समय में दो महीने पहले ये क्यों कराया जा रहा है. सवाल इस पर है. एआईएमआईएम नेता असीम वकार ने कहा कि पटना में अधार कार्ड मान्य है, लेकिन सीमांचल में नहीं ऐसा कैसे हो सकता. सरकार की मंशा पर सवाल है कि आखिर 2024 के लोकसभा चुनाव में यही वोटर थे, वो वैध कैसे हो गए और वही अब बाहरी हो गए.
एबीपी न्यूज पर पूछे गए सवाल के जवाब में जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कैसे-कैसे बयान आ रहे हैं. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो बयान देने का क्या मतलब है. ये डिबेट ही क्यों हो रहा है. ये चुनाव आयोग पर छोड़ दीजिए. इस पर कोर्ट ने तो सवाल पूछे ही हैं, विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि ये चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को मानते हैं या नहीं, इनको बताना चाहिए. बैक डोर से एनआरसी कैसे आ जाएगा और केवल मुसलमान के नाम कैसे कट जाएंगे. नेपाल में कौन हैं, म्यांमार में कौन हैं?
वहीं आरजेडी के बादशाह आलम से जब पूछा गया कि आपके महागठबंधन के नेता बीएलओ का घर जलाने की बात करते हैं, ये कैसी भाषा है, तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि बीजेपी गरीब और वंचितों को वोटर लिस्ट से हटाने का काम कर रही है. बीएललो का घर नहीं जल रहा है. गलत तरीके से फार्म भरा जा रहा है. बीएलओ घूस ले रहे हैं.
प्रपत्र जमा करने के लिए बचे हैं 10 दिन
बता दें कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में शेष मतदाताओं के भरे हुए गणना प्रपत्र जमा करने के लिए लगभग एक लाख बीएलओ घरों का दौरा जल्द ही शुरू करेंगे. बीएलओ उन घरों का भी फिर से दौरा करेंगे, जहां मतदाता पिछले दौरों में अस्थायी रूप से अनुपस्थित रहे थे. बिहार में चल रहे विशेष पुनरीक्षण में भरे हुए गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि में 10 दिन और बचे हैं.
मृतक, स्थायी रूप से स्थानांतरित और एक से अधिक स्थानों पर नामांकित लोगों को ध्यान में रखते हुए एसआईआर के ईएफ संग्रह चरण ने बिहार के लगभग 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 90.84 प्रतिशत को कवर किया है. केवल 10 प्रतिशत मतदाता 25 जुलाई की समय सीमा से पहले अपने भरे हुए ईएफ जमा करने के लिए बचे हुए हैं.
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