पटनारामनवमी को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तमाम गाइडलाइन जारी की जा चुकी है. इसको लेकर सरकार भी सख्त दिख रही है. प्रदेश के जिलों में शांति समिति की बैठक भी हो रही है ताकि व्यवस्था बनी रहे. बिहार में रामनवमी पर निकलने वाले जुलूस के दौरान डीजे बजाने पर रोक लगाई गई है. इससे समिति के लोगों में एक तरफ नाराजगी है तो वहीं दूसरी ओर बिहार में इस डीजे पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी और आरजेडी की ओर से अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं.


बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है. बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि डीजे पर कई राज्यों में रोक लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत बताया है. डीजे को हम लोग भी पसंद नहीं करते हैं, लेकिन रामनवमी के मौके पर इस तरह का निर्देश निकालकर यह दिखाना कि हम किसी एक समुदाय के लिए हितकारी हैं और कल होकर मुस्लिम के त्योहारों में अगर डीजे बजते हैं तो फिर हिंदू लोग भड़केंगे.


'हिंदुओं के पर्व में सख्ती क्यों?'


आगे बीजेपी विधायक ने कहा कि सिर्फ हिंदुओं के पर्व में क्यों नियम पर सख्ती से अमल किया जा रहा है? मुस्लिम पर्व में ऐसी सख्ती क्यों नहीं बरती जाती? यूपी में योगी सरकार की तरह बिहार में भी सरकार आने पर फैसले लिए जाएंगे.


इधर आरजेडी के विधायक रामानुज प्रसाद ने कहा कि डीजे बजाने से हार्ट अटैक से लेकर सड़क तक डैमेज होती है. डीजे पर तो रोक लगनी ही चाहिए. डीजे पर रोक किसी एक धर्म के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है और काफी पहले से है.


एडीजी मुख्यालय ने क्या कहा?


पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने रामनवमी पर डीजे बजाने के मामले में कहा कि पहले से ही रोक है. इससे शांति भंग होती है. आम लोगों को परेशानी होती है. दरभंगा में जिला प्रशासन द्वारा डीजे पर रोक और रामनवमी में जुलूस की अनुमति नहीं देने के सवाल पर कहा कि सभी जिलों के एसपी अपने स्थानीय स्तर पर स्थिति को कंट्रोल करने के लिए निर्णय लेते हैं. पुलिस मुख्यालय से कोई हस्तक्षेप नहीं करता है. जिस जिले की जैसी स्थिति होती है उसके अनुसार वहां काम किया जाता है.


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