पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन, अरमान मलिक के पास से करोड़ों की संपत्ति का पता चला है. सूत्रों के अनुसार, जमीन की दलाली कर इन लोगों ने करोड़ों रुपये कमाए हैं और करोड़ों रुपये का निवेश भी किए हैं. गिरफ्तारी के बाद शुरुआती पूछताछ में अरमान मलिक ने खुद को एक स्कूल का मास्टर बताया था और अपने आय के साधन में 25 हजार रुपये हर महीने वेतन की बात कही थी, पर उसने करोड़ों रुपये का निवेश कर रखा है.


वहीं, अतहर परवेज ने बताया था कि उसका एक एनजीओ है, जिससे वह हर महीने 20 से 25 हजार रुपये कमा लेता है. मोहम्मद जलालुद्दीन रिटायर्ड दरोगा है. उसने शुरुआती पूछताछ में बताया था कि पेंशन की राशि से जीवन चल रहा है, लेकिन इन लोगों के पास करोड़ों की संपत्ति है. अब इनकी संपत्ति की जांच भी शुरू हो गई है. इन लोगों ने देश विरोधी कार्यों से भी काफी कमाई की है. यह लोग पीएफआई से जुड़े हैं. जांच में यह भी पता चला है कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में बिहार में पीएफआई का एक बड़ा कार्यक्रम होना था, जिसमें देशभर से पीएफआई के करीब एक हजार लोग आने वाले थे, जिनको यहां आतंकी ट्रेनिंग दी जानी थी.


ये भी पढ़ें- Anant Singh: अनंत सिंह को फिर हुई 10 साल की सजा, अब सरकारी आवास में अवैध हथियार रखने के मामले में पाए गए दोषी


PFI के कार्यक्रम के लिए दोहा और तुर्की से हुई थी फंडिंग


इस कार्यक्रम के लिए अतहर परवेज, अरमान मलिक, मोहम्मद जलालुद्दीन को दोहा और तुर्की से फंडिंग हुई थी, लेकिन 11 जुलाई को ही इन तीनों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके कारण पीएफआई का कार्यक्रम स्थगित हो गया. बता दें कि फुलवारी शरीफ मामले में अब तक पांच संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस मामले में पुलिस ने 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जो बिहार के अलग-अलग जिलों में पीएफआई की आड़ में देश विरोधी कार्य कर रहे थे और यहां के गरीब मुस्लिम युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दे रहे थे.


ये भी पढ़ें- National Herald Case: सोनिया गांधी से सवाल पर बिहार में भी बवाल जारी, पटना में NSUI ने ED दफ्तर पर पोती कालिख