पटना: बिहार के बक्सर जिले के चौसा महादेवा घाट पर बीते दिनों शवों का अंबार दिखने बाद जमकर बवाल हुआ. बक्सर प्रशासन ने शवों को यूपी का बताया था. इस बात से नाराज यूपी सरकार ने बिहार के शवों के यूपी में अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी थी. इस बात से नाराज जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " बिहार का शव काशी बनारस में नहीं जलेगा, यूपी सरकार. क्या ढोंगी योगी शव जलाने में वन नेशन नहीं रहा. अब लाश का भी आधार कार्ड चाहिए. बेशर्म."


शवों के बहने पर मचा था बवाल


दरअसल, मौजूदा समय में जीते जी कोरोना मरीजों को इलाज के लिए तो संघर्ष करना ही पड़ रहा है. मौत के बाद अंतिम संस्कार करने में भी मृतक के परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. इसी का नतीजा है कि पीपीई किट में लिपटे शव गंगा में बह रहे हैं. बीते दिनों यूपी और बिहार में गंगा में बड़ी संख्या में शवों के बहते पाए जाने के बाद खूब हंगामा हुआ था. 


 






बिहार के बक्सर जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट कह दिया था कि शव बिहार के नहीं हैं, सभी यूपी से बहकर आए हैं. चूंकि अब ये आ गए हैं, ऐसे में उसे डिस्पोज करना हमारी जिम्मेदारी है. लेकिन ऐसा दोबारा ना हो, इस वजह से यूपी और बिहार के बीच गंगा में महाजाल लगा दिया गया है, ताकि शव इधर ना आ सकें. 


यूपी पुलिस लौटा रही थी शव वाहन


इस बात से नाराज यूपी सरकार ने बिहार के शवों के यूपी में अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दी थी. बॉर्डर पर बने चेकपोस्ट पर तैनात यूपी पुलिस के जवान लगातार बिहार के शव वाहनों को वापस लौटा रहे थे. उनका कहना था कि आला अधिकारियों का आदेश है कि बिहार के शव वाहनों को यूपी में एंट्री नहीं दी जाए. इस पर जमकर बवाल हुआ. बॉर्डर पर स्थिति बिहार कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद के लोगों ने इसपर नाराजगी जताई. 


ऐसे में शुक्रवार को कैमूर एसपी ने गाजीपुर एसपी से बात की. इस दौरान गाज़ीपुर एसपी ने कहा कि दाह-संस्कार करने पर रोक नहीं है, शव बल्कि प्रवाहित करने पर रोक लगाया गया है.


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