पटना: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने खराब तबीयत का हवाला देते हुए उन्हें जेल ना भेजने की मजिस्ट्रेट से गुहार लगाई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुडिशियल मजिस्ट्रेट के पास अपनी बात रखते हुए पप्पू यादव ने कहा, " हाईकोर्ट का ऑर्डर हमने वहां दिया था. साफ कहा गया है कि कोरोना काल में जब तक अनिवार्य ना हो किसी वारंट नहीं भेजा जा सकता, रिमांड पर नहीं लिया जा सकता."

कहीं जाने की नहीं है स्थिति

उन्होंने कहा, " मैंने पहले भी कहा है कि मेरी स्थिति ठीक है. मैंने तीन महीने पहले हाईकोर्ट में केस फ़ाइल किया है, जिसमें ये ऑर्डर दिया गया है. मैं 24 घंटे डॉक्टरों की निगरानी में रहता हूं. इसलिए मेरी स्थिति कहीं जाने की नहीं है. मुझे डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाए. तीन महीने मुझे रेस्ट करने के लिए कहा गया है."

पप्पू यादव ने कहा, " ये समय जिंदगी बचाने की. अब सब आप सभी लोगों पर है. लेकिन मेरी विनती है कि मुझे डॉक्टरों के बीच ही रखा जाए. कहीं कोई अस्पताल या सदर अस्पताल में ही रख दिया जाए. मेरी स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है."

14 दिनों के रिमांड पर पप्पू यादव

बता दें कि बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में साल 1989 में दर्ज अपहरण मामले में पुलिस ने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया है. मधेपुरा जिले की पुलिस मंगलवार को चार बजे के करीब पटना पहुंची और हाई वोल्टेज ड्रामा और विरोध प्रदर्शन के बीच पप्पू यादव को मधेपुरा के लिए लेकर निकल गई. रात को करीब एक बजे उनकी पेशी करवाई गई. 

पेशी के बाद ऐसी सूचना है कि जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को मधेपुरा जेल के बदले सुपौल के बिरपुर जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. उन्हें 14 दिनों के रिमांड पर लिया गया है.

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