मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल से फिर एक बार लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. यहां भर्ती कोरोना पॉजिटिव एक मरीज की मौत के बाद घंटों उसका शव इसलिए पड़ा रहा क्यों अस्पताल में उसकी लाश को कोई उठाने वाला नहीं था. अंत में भतीजे ने चाचा के शव को पीपीई किट पहनकर उठाया.


बताया जाता है कि गुरुवार की रात तबीयत खराब होने के बाद संजय गुप्ता को परिजन सदर अस्पताल लेकर आए. यहां लाने के बाद अस्पताल का कोई कर्मचारी उन्हें छू तक नहीं रहा था. अंत में उसके भतीजे नेहाल ने खुद ही अपने चाचा को कोरोना वार्ड तक ले जाकर पहुंचाया. इधर शुक्रवार की सुबह करीब पांच बजे के आसपास मरीज की मौत हो गई.


इधर मरीज की मौत के उसके परिजनों ने आरोप लगाया कि गुरुवार की रात भर्ती कराने के बाद मरीजों को देखने कोई नहीं आता है. मौत हो जाने के बाद डेड बॉडी को भी कोई निकालने नहीं आया. डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से गुहार लगाने के बाद भी सुनावई नहीं हुई जिसके बाद खुद उसने पीपीई किट पहनकर शव उठाया.


इतना बड़ी घटना लेकिन सीएस को पता तक नहीं


इधर मौत के बाद नेहाल ने जब डेथ रिपोर्ट और डिस्चार्ज स्लिप मांगा तो उसे यह भी नहीं दिया गया. अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि यहां ऐसा कुछ नहीं मिलता है. नेहाल ने जब जिद की तो एक सादे कागज पर उसे डिस्चार्ज स्लिप बनाकर दे दिया गया. सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर जब दबाव बनाया गया तो उसने अस्पताल के एक पुराने पुर्जे पर डेथ रिपोर्ट डिस्चार्ज स्लिप बनाकर दे दिया. अस्पताल में इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन सीएस को पता तक नहीं है. सिविल सर्जन ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है.


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