मोकामा: बिहार की दो विधानसभा सीट गोपालगंज और मोकामा पर उपचुनाव (By Election 2022) के दिन नजदीक हैं. प्रत्याशी जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगे हैं. बुधवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) महागठबंधन की उम्मीदवार नीलम देवी (Neelam Devi) के लिए प्रचार करने मोकामा पहुंचे. इस दौरान एबीपी न्यूज से बातचीत में ललन सिंह और नीलम देवी ने बड़ा बयान दिया. कैमरे के सामने उपचुनाव में जीत का दावा करते हुए कई बातें कहीं.


ललन सिंह ने कहा यहां बीजेपी का सुपड़ा होगा साफ


ललन सिंह ने हुंकार भरते हुए कहा कि यहां महागठबंधन को जनता का पूरा समर्थन है. उपचुनाव में हमारी ही जीत होगी. बाढ़ जब लोकसभा क्षेत्र हुआ करता था तो नीतीश कुमार यहां से पांच बार सांसद बने. पूरे बिहार में महागठबंधन के पक्ष में माहौल है. आज लोकसभा चुनाव हो जाएगा तो बिहार में बीजेपी का खाता ही नहीं खुलेगा. सुपड़ा साफ हो जाएगा. 


हवाबाजी से कुछ नहीं होता जनता का समर्थन जरूरी है


ललन सिंह ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोकामा और गोपालगंज में कोई लड़ाई लड़ रहा है क्या? मोदी की आंधी आएगी या नहीं ये तो छह तारीख को पता चल जाएगा. मोदी 40 नहीं 80 स्टार प्रचारक भी ले आएं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. शाहनवाज हुसैन पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वो तो पुराना हवाबाज है. हवाबाजी से कुछ नहीं होता. हमको जनता का अपार समर्थन है. उन्होंने जीत की ताल ठोकते हुए कहा कि इस बार उपचुनाव में मोकामा का बीते सालों वाला सारा रिकॉर्ड टूटेगा. 


नीलम देवी बोलीं- ललन सिंह गार्जियन हैं


महागठबंधन उम्मीदवार नीलम देवी ने कहा कि हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. जनता का आशीर्वाद मिलेगा. जनता से अपील है कि लालटेन का बटन दबाएं और हमको जीताएं. नीलम देवी बोलीं कि ललन सिंह गार्जियन हैं. महागठबंधन एकजुट है. मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में मोकामा विधानसभा क्षेत्र आता हैं. ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं. वैसे राजनीति में कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता ये कहावत एक बार फिर से सही साबित होने जा रही क्योंकि ललन सिंह मोकामा से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के लिए प्रचार कर रहे हैं. 


अनंत सिंह के जेल जाने से मोकामा सीट हुआ खाली


अनंत सिंह को कोर्ट ने एके-47 बरामदगी के मामले में दस साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी सदस्यता चली गई इसलिए मोकामा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. 2005 से अनंत सिंह लगातार यहां से जीत रहे हैं. बाहुबली अनंत सिंह और ललन सिंह की अदावत किसी से छिपी नहीं है. आपराधिक मामलों में फंसे अनंत सिंह ने खुद कहा था कि ललन सिंह उनका होम्योपैथिक इलाज कर रहे हैं. अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने कहा था कि जेडीयू के लोगों ने ही अनंत सिंह के घर पर हथियार रखवाकर उनको फंसवाया. दोनों एक दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन थे, लेकिन सबकुछ भुलाकर दोनों साथ आए हैं. 


चुनावी मैदान में बाहुबलियों की पत्नी


दूसरी ओर यहां पर बीजेपी से सोनम देवी उम्मीदवार हैं. वह बाहुबली ललन सिंह की पत्नी हैं. मोकामा में शुरू से बाहुबलियों की धमक रही है. इस बार मोकामा में दो बाहुबलियों की पत्नी टकरा रहीं हैं. यहां जीतता वही है जिसके पास धन, बल और बाहुबल है. तीन नवंबर को वोटिंग होनी है. छह नवंबर को नतीजे आएंगे. 


सूरजभान सिंह का बीजेपी उम्मीदवार को ऐसे है समर्थन


बीजेपी के ललन सिंह कभी बाहुबली रहे व पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता सूरजभान सिंह के काफी करीबी रहे हैं. सूरजभान सिंह का समर्थन इनको मिल गया है. एक जमाने में सूरजभान की अनंत सिंह व उनके भाई दिलीप सिंह से जो अदावत थी किसी से छिपी नहीं है. ललन सिंह भूमिहार जाति से आते हैं. उनकी पत्नी को टिकट देकर बीजेपी ने भूमिहारों को साधने की कोशिश की है. मोकामा भूमिहार बहुल क्षेत्र है. 


मोकामा सीट के 2,70,755 कुल वोटर


सन् 1995 के बाद बीजेपी यहां उम्मीदवार उतार रही है. मोकामा में भूमिहार वोटरों का वर्चस्व है. भूमिहार के बाद यहां ब्राह्मण, कुर्मी, यादव, पासवान वोटरों की तादाद है. वहीं इस सीट पर राजपूत और रविदास जातियों के भी वोटर हैं, लेकिन माना जाता है कि जिसके पाले में सवर्ण (भूमिहार-ब्राह्मण, राजपूत) वोट जाएंगे उसकी ही जीत तय है. मोकामा एकमात्र ऐसी सीट है जहां जातीय समीकरण सबसे ज्यादा हावी रहता है. मोकामा सीट के कुल वोटर 2,70,755 हैं जिसमें पुरुष वोटर 1,42,425 व महिला वोटर 1,28,327 हैं. अनंत सिंह भी भूमिहार हैं.


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