Minister Sanjay Sarawgi: अंचल अधिकारियों के जमीन म्युटेशन में मनमानी करने और बेवजह आवेदन में कमियां निकाल कर उसे अस्वीकृत कर अवैध वसूली करने के कई मामले सामने आए हैं. इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है. अब विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है. जमीन के म्युटेशन करने के मामले में आवेदन को बेवजह अस्वीकृत करने वाले अंचल अधिकारी होशियार हो जाएं. अब विभाग ने उन पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है.

मंत्री संजय सरावगी ने क्या कहा?

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इस मामले में समीक्षा की है. इस दौरान अंचल अधिकारी के जरिए ज्यादा दाखिल खारिज मामलों को अस्वीकृत करने पर कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है. बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी अपर मुख्य सचिव और सचिव की मौजूदगी में विभागीय समीक्षा बैठक की गई. बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के जरिए प्रदत ऑनलाइन सेवाओं की वास्तविक स्थिति की जानकारी ली.

दाखिल-खारिज मामलों में बीते छह महीनों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए मंत्री ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं. मंत्री ने कहा कि कई छोटे-मोटे कारणों की वजह से अंचलाधिकारियों के दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत कर दिया जाता है, जिस कारण आवेदनों को निरस्त करने का प्रतिशत काफी ज्यादा हो जाता है. अभी तक जो आंकड़े मिले हैं, उनमें  खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में लखीसराय का पिपरिया अंचल पहले स्थान पर है.

इस अंचल में अंचलाधिकारी के जरिए विगत वर्ष में दाखिल खारिज के कुल प्राप्त आवेदनों में से 65.12% आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है, जबकि दूसरे स्थान पर दरभंगा का जाले है. जहां दाखिल खारिज आवेदनों को अस्वीकृत करने का 62.96% है. तीसरे स्थान पर भोजपुर का अगियांव (55.21%), चौथे स्थान पर किशनगंज का ठाकुरगंज (55.15%), पांचवें स्थान पर जहानाबाद का मोदागंज (53.91%), छठे स्थान पर भोजपुर का बड़हरा (53.52%), सातवें स्थान पर अररिया का जोकीहाट (52.38%), आठवें स्थान पर मधुबनी का जयनगर (50.30%), नौवें स्थान पर खगड़िया का बेलदौर (50.09%) और दसवें स्थान पर दरभंगा का कुशेश्वर स्थान पूर्वी (49.62%) है. संजय सरावगी ने आदेश दिया है कि इन सभी अंचल अधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की जाए, उसके बाद इन पर कार्रवाई की जाए.

अच्छे काम करने वाले अंचलाधिकारी

हालांकि कुछ अच्छे काम करने वाले भी अंचलाधिकारी हैं. इनमें कैमूर के नुआंव अंचल का प्रदर्शन सबसे अच्छा है. यहां कुल प्राप्त आवेदनों में से मात्र 6.74% आवेदनों को ही अस्वीकृत किया गया है. दूसरे स्थान पर नालंदा का एकंगरसराय (7.44%), तीसरे स्थान पर लखीसराय का हलसी (8.93%), चौथे स्थान पर कैमूर का मोहनियां (9.24%), पांचवें स्थान पर मुजफ्फरपुर का मुरौल अंचल (9.54%), छठे स्थान पर वैशाली का पातेपुर (9.60%), सातवें स्थान पर पूर्णिया का श्रीनगर अंचल(9.71%), है. आठवें स्थान पर सीतामढ़ी का बाजपट्टी(10.26%), नौवें स्थान पर लखीसराय का बरहिया (10.53%) और दसवें स्थान पर कैमूर का रामपुर अंचल (11.06%) है.

संजय सरावगी ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि आमजनों को दाखिल खारिज के लिए आवेदन करते समय अपना ही मोबाइल नंबर डालना चाहिए.  सीएससी सेंटर या साइबर कैफे से आवेदन करते वक्त भी यह ध्यान रखें कि मोबाइल नंबर कैफे वाले का ना डालें, बल्कि आवेदक सजग होकर अपना फोन नंबर दें. 

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