बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान की पार्टी पर ना सिर्फ आरोप लग रहे हैं बल्कि नेता भी दूर हो रहे हैं. बीते रविवार (10 अगस्त, 2025) को एलजेपी रामविलास के पूर्व जिलाध्यक्ष (छपरा) दीपक कुमार सिंह सहित 128 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया था. दीपक कुमार सिंह ने पार्टी के सांसद अरुण भारती पर आरोप लगाया कि उनकी ओर से पैसे की डिमांड की जाती है. इसको लेकर सोमवार (11 अगस्त, 2025) को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने सफाई दी.

राजू तिवारी ने कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं. हमारा संगठन हमारे नेता चिराग पासवान के नेतृत्व और उनके चेहरे से है. किसी के जाने से हमारी पार्टी को कुछ नहीं होने वाला है. छपरा में हमारा संगठन मजबूत है. चिराग पासवान के नाम पर सभाओं में भीड़ जुटती है. 

राजू तिवारी ने कहा, "दीपक कुमार सिंह 6 साल से जिलाध्यक्ष थे तो उन्हें प्रदेश का नेतृत्व दिया गया. उन्हें प्रदेश सचिव एक सप्ताह पहले बनाया गया था. जो नाम दिए गए (इस्तीफे वाली लिस्ट में) हैं वह सब मेरी पार्टी के नहीं हैं. छपरा में नया संगठन तैयार हुआ है. वहां सभी पदों पर कार्यकर्ता हैं. पार्टी के लिए काम कर रहे हैं."

'अगर पार्टी छोड़कर जाता है तो तारीफ नहीं करेगा'

अरुण भारती की ओर से पैसे की डिमांड वाली बात पर राजू तिवारी ने कहा कि कोई भी पार्टी छोड़कर जाता है तो हमारी तारीफ नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हम लोग हर कार्यकर्ता पर नजर बनाए रखे हैं. हमारे नेता खुद एक-एक कार्यकर्ता की रिपोर्ट हमेशा देखते हैं. किसका कहां कैसा काम है वह भी देख रहे हैं. समय आने पर उसको जिम्मेदारी दी जाती है. उन्हें (दीपक सिंह) भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. अभी चुनाव में वक्त था, लेकिन उससे पहले वह जल्दीबाजी कर गए.

इसके साथ ही राजू तिवारी ने इस पूरे मामले का ठीकरा चिराग पासवान के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो पशुपति पारस पर फोड़ा. नाम लिए बिना कहा कि अभी जो भी हुआ है यह भ्रम फैलाने वाली स्थिति है. यह वही लोग कर रहे हैं जिनके पास न जमीन है, ना संगठन है, ना नीति है, ना नीयत है. हमारा संगठन बूथ स्तर तक मजबूत है. कुछ लोग अपने-अपने दुख से दुखी नहीं होते हैं, दूसरे के सुख से दुखी होते हैं. यही बीमारी वहां फैल गई है और यह बीमारी जिसको फैल जाती है उसको समाप्त कर देती है.