JDU National Executive Meeting: 29 अगस्त को जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं है. पार्टी ने इसको लेकर बयान जारी किया गया है और ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है. दरअसल, इससे पहले ऐसी जानकारी सामने आई थी कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी और इसमें मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी. लेकिन अब पार्टी से स्थिति साफ कर दी है.


गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ मिलकर सरकार बना ली. बिहार में हुई इस राजनीति बदलवा की देशभर में चर्चा है. नीतीश कुमार ने अपने सियासी विरोधी आरजेडी के साथ हाथ मिला लिया. नीतीश कुमार के इस फैसले पर अगल-अलग प्रतिक्रिया आई. कांग्रेस, एनसीपी और दूसरे दलों ने नीतीश कुमार के इस फैसला का स्वागत किया. वहीं, बीजेपी पूरी तरह से हमलावर है.


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नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद से सियासी गलियारे में ये भी चर्चा होने लगी कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वो विपक्ष की तरफ से पीएम पद के चेहरे हो सकते हैं. हालांकि, विपक्षी दलों के बीच इसको लेकर कोई आधिकारिक फैसला या कोई ठोस चर्चा अभी तक देखने को नहीं मिली है. खुद नीतीश कुमार भी इन सवालों का जवाब दे चुके हैं. 


इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरने की चर्चा के बीच, उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने शुक्रवार को कहा कि अगर अन्य दल चाहें तो वह एक विकल्प हो सकते हैं. जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार का मुख्य ध्यान 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है. उन्होंने कहा कि वह अगले सप्ताह बिहार विधानसभा में विश्वास मत के बाद विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री और जेडीयू के मुख्य चेहरा कुमार विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के दावेदार नहीं हैं.


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