पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच सालों बाद फिर एक बार जनता दरबार कार्यक्रम की शुरुआत की है. जनता दरबार में मुख्यमंत्री गंभीरता पूर्वक जनता की फरियाद सुनते हैं और उसका हर संभव समाधान करने की कोशिश करते हैं. इसी क्रम में सोमवार को आयोजित जनता दरबार कार्यक्रम में उन्होंने जनता की फरियाद सुनी.  हालांकि, इस दौरान वे एक फरियादी की फरियाद सुनकर चौंक गए और तुरंत चीफ सेक्रेटरी को बुलाकर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा. 


दरअसल, जनता दरबार में आए फरियादी ने कहा कि उन्हें भूदान में जमीन मिली है. लेकिन क्षेत्र के कुछ दबंग लोगों ने जमीन पर कब्जा जमा रखा है. वे सरकारी नौकरी करते हैं और कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ने पर नौकरी जाने का डर है. इसलिए पूरे मामले में मदद चाहते हैं. 


मसलों के समाधान के लिए है कमेटी


ये सुनते ही नीतीश कुमार चौंके और उन्होंने कहा, " भूदान संबंधित जमीन से जुड़े मसलों के समाधान के लिए कमेटी बनी हुई है. अभी डेढ़ साल से कोरोना की वजह से कमेटी की रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. लेकिन मसलों के समाधान के लिए कमेटी है. राजस्व वाले बता देंगे."


इसके बाद उन्होंने माइक ऑफ किया और वहां मौजूद अधिकारियों से बातचीत की. फिर उन्होंने विभाग के चीफ सेक्रेटरी को वहां बुलाया और कहा कि भूदान की जमीन को लेकर जो कमेटी बनी है, उसकी तो जानकारी आप सभी को है. पुराने जो हमारे चीफ सेक्रेटरी थे, शुभ चौधरी उन्हीं की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी. लेकिन उसकी कोई रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. 


जल्द कामों की समीक्षा करें 


मुख्यमंत्री ने कहा कि डेढ़ साल से कोरोना की वजह से भी रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. इसे जरा दिखवा लें. शुरू से इस मुद्दे पर डिस्प्यूट था. पहले भी हमने कमेटी बनाई थी. कुछ हो नहीं पाया. इसके बाद हमने दोबारा कमेटी बनाई. कमीशन के तौर पर एक-एक चीज़ की जांच हो उसके लिए बनाई गई. लेकिन कोई अता-पता नहीं है. इसकी समीक्षा कीजिये. अब तक क्यों कुछ नहीं हुआ है. अब तक क्या हुआ वो देखिए. साल 2018 में ही इसे बनाया गया है.


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