जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को एनडीए के चार बड़े नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के नए खुलासे किए. उन्होंने एक-एक करके डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री मंगल पांडेय, मंत्री अशोक चौधरी और बीजेपी सांसद संजय जायसवाल को भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में शामिल होने का तथ्यों के साथ खुलासा किया.
मंगल पांडेय के बारे में क्या बताया?
प्रशांत किशोर ने सबसे पहले मंत्री मंगल पांडेय के बारे में बताया कि उनकी पत्नी उर्मिला पांडेय के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट नंबर 1499000141819 में साल 2019 और 2020 में दो करोड़ 12 लाख रुपया जमा हुआ है. इसका कोई प्रमाण नहीं है कि यह रुपया कहां से आया? मंगल पांडेय ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली में फ्लैट ख़रीदने के लिए अपने पिताजी से 25 लाख का कर्ज लिया था.
पीके ने कहा कि हमारा सवाल है कि फिर आपकी पत्नी के अकाउंट में यह रकम कैसे आ गई? कहीं से आई भी तो आपने इसे घोषित क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि मंगल पांडे अगर इसका जवाब नहीं देते हैं तो हम बतायेंगे कि किस किस अकाउंट से यह रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.
सम्राट चौधरी पर क्या है आरोप?
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी नाम बदलने के विशेषज्ञ हैं, सदानंद सिंह मर्डर केस में आरोपी हैं और फर्जी उम्र का सर्टिफिकेट बनाकर जेल से बाहर निकले हैं. प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को घेरते हुए उन्हें नाम बदलने का विशेषज्ञ बताया. कहा कि इनका नाम राकेश कुमार था जो बाद में राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी हैं, लेकिन इनका पहला नाम सम्राट कुमार मौर्य है. साल 1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की बम मारकर हत्या करने का आरोप है. इनको नाबालिग बताकर छह महीना में जेल से निकाला गया.
उन्होंने कहा कि जब यह बिना विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य बने मंत्री बने, तब इनपर कम उम्र होने का आरोप लगाकर बर्खास्त किया गया. उस केस के आवेदन में सुप्रीम कोर्ट में लिखा गया कि इन्होंने मैट्रिक का एग्जाम सम्राट कुमार मौर्य के नाम से दिया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बताया कि सम्राट कुमार मौर्य को मैट्रिक में 234 नंबर आया था और ये फेल हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में इनकी उम्र का निर्धारण किया.
पीके ने कहा कि 2010 में अपने हलफनामे में उन्होंने खुद को सातवीं पास बताया है. मेरा सवाल है कि राज्य के डिप्टी सीएम बतायें कि किस साल में मैट्रिक पास किए हैं? इनकी डिग्री फर्जी होने का आरोप है. यह आदमी बिना मैट्रिक पास किए डी. लिट. कर लिए क्या? सम्राट कुमार मौर्य उर्फ राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी मर्डर के इल्जाम में जेल काटकर आए हैं. जनता ने राजद को जंगलराज के लिए हटा दिया, लेकिन भाजपा के लोगों का चाल चरित्र और चेहरा देख लीजिए.
अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप
प्रशांत किशोर ने कहा कि अशोक चौधरी मुख्यमंत्री के दाहिने हाथ हैं और इन्होंने बिहार में भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बना दिए हैं. इन्होंने अपने पर्सनल सेक्रेटरी योगेंद्र दत्त के नाम पर साल 2019 में 23 कट्ठा जमीन खरीदा गया. योगेन्द्र दत्त ने दो साल बाद उस जमीन को अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी के नाम 34 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया, लेकिन उनको अकाउंट से सिर्फ 10 लाख रुपये दिए गए. बाद में इनकम टैक्स के नोटिस पर इन्होंने 27 अप्रैल 2025 को इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए योगेंद्र दत्त को 25 लाख रुपये फिर ट्रांसफर किए?
उन्होंने कहा कि शांभवी चौधरी की जब सगाई हुई, उसके बाद स्वर्गीय किशोर कुणाल के परिवार से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट के माध्यम से करीब 200 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है. हमारे पास इस ट्रस्ट के खिलाफ सबूत नहीं है, लेकिन शांभवी चौधरी के सायन कुणाल से सगाई के बाद ही इस ट्रस्ट के माध्यम से जमीनों की खरीद की गई. पिछले दो साल में सगाई से शादी के बीच कुल 38.44 करोड़ रुपये की पांच जमीनें खरीदी गई, जिसका चेक से पेमेंट किया गया. इन सभी जमीनों का मालिकाना हक अशोक चौधरी और ट्रस्ट से जुड़े लोगों के पास हैं.
उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी को बताना चाहिए कि इस ट्रस्ट से उनका क्या लेना देना है? अगर कोई लेना देना नहीं है तो ट्रस्ट से जुड़ी अनीता जी जो किशोर कुणाल की पत्नी हैं, उनके अकाउंट से अशोक चौधरी की पत्नी के अकाउंट में रुपये क्यों ट्रांसफर हुए हैं? यह सब रिकॉर्ड हमारे पास है. साथ ही इस ट्रस्ट से जुड़े लोगों जिनमें अनिता जी, पूर्व ब्यूरोक्रेट जियालाल आर्या और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की माताजी जैसे लोग भी हैं, उनको बताना चाहिए कि ट्रस्ट के माध्यम से अचानक हाल के दिनों में इतने जमीन की खरीद क्यों की गई है?
सांसद संजय जायसवाल पर भी गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर ने इसी क्रम में पश्चिम चंपारण के भाजपा सांसद संजय जायसवाल पर भी उनके पेट्रोल पम्प के माध्यम से सरकारी धन की लूट का संगीन आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बेतिया शहर के छावनी इलाके में संजय जायसवाल के परिवार का एक पेट्रोल पम्प है, जिसके पास फ्लाइओवर बनाना था. संजय जायसवाल ने कई सालों तक फ्लाइओवर सिर्फ इसलिए नहीं बनने दिया कि उनके पेट्रोल पम्प की बिक्री प्रभावित हो जाती. इन्होंने एक वक्त पेट्रोल पम्प पर सार्वजनिक बोर्ड भी लगवाया था कि फ्लाइओवर का निर्माण मेरे नहीं, राज्य सरकार की वजह से रुका है। साल 2015 में जदयू के जिलाध्यक्ष एनएन शाही ने इनको ग़लत बताया तो टाउनहॉल में सैकड़ों लोगों के सामने सार्वजनिक चर्चा हुई.
उन्होंने कहा कि बेतिया की महापौर गरिमा देवी सिमरिया ने 14 अगस्त 2024 को स्थायी समिति की बैठक में नगर आयुक्त को चिट्ठी लिखी जिसमें कहा कि सशक्त स्थायी समिति की पांच बैठकों में छावनी स्थित पेट्रोल पम्प को ईंधन के अत्यधिक बिल एवम भ्रष्टाचार को देखते हुए बदलने का निर्णय लिया गया था. पेट्रोल पम्प के बिल के भुगतान पर पूर्णतः रोक लगाने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने कहा कि नगर निगम की सफाई की गाड़ियों को पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जिसमें ज्यादातर भुगतानों को फर्जी और बढ़ाकर लिया जाने वाला बताया गया.
संजय जायसवाल पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आपके पिताजी मदन जायसवाल सज्जन व्यक्ति थे, उनकी इज्जत है. आपकी इज्जत नहीं है. आप भाजपा छोड़कर भागे और राजद से चुनाव लड़े तो 5000 वोट आया था. बोले थे कि हमको जेल भिजवायेंगे, हम कह रहे हैं कि सात जन्म लगेगा तब भी मेरा हाथ नहीं पकड़ पाएंगे. इससे पहले जन सुराज पार्टी के उपाध्यक्ष वाईवी गिरी ने बताया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के मामले में कोर्ट ने पुलिस को निष्पक्ष जांच का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने सही से जांच नहीं की. इस मामले में जन सुराज पार्टी ने पीड़ित परिवार के साथ मिलकर हाई कोर्ट में अलग से केस फाइल किया है.
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