गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में पुलिस की बर्बरता से आहत एक गांव के ग्रामीणों ने लोक आस्था का महापर्व छठ नहीं मनाया. छठ पूजा गांव में नहीं मनाए जाने की वजह से घाट पर सन्नाटा पसरा रहा. वहीं, व्रतियों ने रो-रोकर पूरा दिन गुजारा. मामला जिले के उचकागांव थाने के बंकीखाल पंचायत के इटवा गांव का है. इसके पहले ग्रामीणों ने दीवाली और गोवर्धन पूजा का भी बहिष्कार कर किया था. 


जानें- क्या है पूरा मामला?


दरअसल, तीन नवंबर को उचकागांव प्रखंड में पंचायत चुनाव था. ग्रामीणों का आरोप है कि मतदान केंद्र पर किसी के द्वारा गड़बड़ी की अफवाह फैलायी गई. इसके बाद इटवा गांव में पहुंची पुलिस ने बर्बरता दिखाते हुए घरों में घुसकर बुजुर्गों, महिलाओं और लड़कियों की बेरहमी से पिटाई की. इस घटना के बाद पुलिस पर हमला करने के आरोप में 18 लोगों को जेल भेज दिया गया. 


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वहीं, पुलिस की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद डीएम डनवल किशोर चौधरी ने मामले को गंभीरता से लिया और उचकागांव के सीओ भेजकर घटना की जांच कराई. हालांकि, सीओ की बात मानने से ग्रामीणों ने इंकार कर दिया और छठ पूजा नहीं की. 


बता दें कि वायरल वीडियो में पुलिस इटवा गांव की बुजुर्ग महिला की पिटाई करते हुए दिख रही है. वहीं, दूसरी वीडियो में एक मकान में घुस रही है और पुलिस के डर से लोग मकान की छत पर लेटे हुए हैं. इस संबंध में पीड़ित महिला इंदू देवी ने बताया कि पुलिस आई और पिटाई करते हुए परिवार के सभी सदस्यों को उठा ले गई. पटना से जो लोग छठ मनाने घर आये थे, उन्हें भी लेकर चली गई. घर में दीया न जला है और न ही गांव में कोई छठ मनाया है.


वहीं, डीएम के आदेश पर गांव में पहुंचे स्थानीय सीओ ने रवीश कुमार का कहना है कि ग्रामीणों से अपील की गयी, लेकिन कोई छठ पूजा करने को तैयार नहीं हुआ, इसका स्पष्ट कारण ग्रामीण ही बताएंगे.



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