पटना: अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात विधायकों में से छह विधायकों को बीजेपी में शामिल करा लिए जाने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है. इधर, मौके का फायदा उठाकर आरजेडी अपने लिए सम्भावनाएं तलाशने में जुट गयी है. इसी क्रम में आरजेडी द्वारा साल के पहले दिन से ही पटना के सड़कों, प्रमुख चौराहों पर पोस्टर लगाकर जेडीयू और बीजेपी के बीच के कथित टकराव दिखाने की कोशिशेें शुरू कर दी गईं हैं.
आरजेडी कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें बीजेपी और जेडीयू के कथित दरार पर चुटकी ली गई है. बता दें कि पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह को गुलदस्ता लेकर नए साल की बधाई देने जा रहे हैं. वहीं, बीजेपी के नेता हाथ में खंजर लिए नजर आ रहे हैं. पोस्टर में बिहार की जनता को भी दिखाया गया है जो कंफ्यूज हैं और नए साल में राजनीति में बड़े बदलाव की आशंका जता रहे हैं.
इधर, आरजेडी द्वारा लगाए गए पोस्टर पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने पलटवार करते हुए कहा कि हमलोग कन्फ्यूज नहीं हैं, बल्कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के इशारों पर चल रही उनकी पार्टी कन्फ्यूज है. लगातार उनकी पार्टी के नेता बयानबाजी, पोस्टरबाजी और कभी पीएम बनाने का बात करती है.
राजीव रंजन ने कहा की तेजस्वी यादव के इशारों पर चलने वाले नेता कहते हैं कि जेडीयू में टूट कर लेंगे और कोई पार्टी को हेल्पलेस बताने की बात करता है. दरअसल, यह गठबंधन को जनता का आशीर्वाद है. सीएम नीतीश के नेतृत्व में इस गठबंधन ने कई चुनाव लड़े हैं और यहां आरजेडी का दाल गलने वाले नहीं है.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और उनके बयानवीर नेता कुछ भी कर लें. चाहे वह पोस्टर छपवा लें या कुछ भी करें, यहां कुछ नहीं होने वाला है. बिहार की जनता घास डालने वाली नहीं है. अगर उनका बिहार में सत्ता का जो उनका सपना है, वह कभी भी पूरा नहीं होने वाला है.
इससे पहले शुक्रवार को भी आरजेडी ने पोस्टर के माध्यम से नीतीश कुमार पर हमला बोला था. पटना स्थित आरजेडी के प्रदेश कार्यालय के बाहर लगाए गए पोस्टर में नीतीश कुमार कुर्सी पर बैठे दिखाए गए थे और उस कुर्सी के पैरों को बीजेपी के नेता आरी से काटते नजर आ रहे थे. वहीं, इस दौरान नीतीश कुमार 'हेल्प मी' की गुहार लगाते दिख रहे थे.