गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में मॉडल सरकारी अस्पताल से मंगलवार को ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलकर दी है. बार-बार कॉल करने पर भी बीमार महिला को सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली, जिसके बाद उसके पति ने साइकिल को ही एंबुलेंस बना दिया और बारिश में भिंगते हुए पत्नी को लेकर अस्पताल के लिए निकल पड़ा. खुद पैदल चल रहा था और बीमार पत्नी साइकिल पर बैठी थी. करीब 26 किलोमीटर का सफर पैदल तय करने के बाद वो सदर अस्पताल में पहुंचा, जहां इमरजेंसी वार्ड में उसने पत्नी का इलाज कराया और फिर साइकिल से ही वापस लौट गया. 


क्या है पूरा मामला ?


दरअसल, जिले के हथुआ के सबेया गांव के रहने वाले राकेश महतो की पत्नी शोभा देवी(35) मंगलवार को घर की सीढ़ियों से गिर गई थी. पैर में चोट आई, जिसके बाद पत्नी का दर्द देखकर उससे रहा नहीं गया. पास की दुकान और डॉक्टरों से दिखाकर कुछ दवाइयां खिलाईं, मगर थोड़ा भी आराम नहीं हुआ. सरकारी एंबुलेंस के लिए 102 पर कॉल किया, मगर कोई रिस्पांस नहीं मिला. 


राकेश ने बताया कि उसके पास निजी एंबुलेंस के लिए पैसे नहीं थे. मजदूरी का काम भी बंद है, इसलिए परिवार आर्थिंक तंगी में है. ऐसे में जब पत्नी को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई संसाधन नहीं मिला तो साइकिल को ही एंबुलेंस बनाकर पैदल चल दिया. सदर अस्पताल में जांच और एक्स-रे कराई, जिसमें महिला के पैर फ्रैक्चर पाया गया. डॉक्टर ने प्लास्टर करायी और दवाएं मंगाकर दी. उसके बाद साइकिल से ही पत्नी को लेकर पति घर के लिए निकल गया. 


बारिश से बचाने के लिए पैर में बांध दी प्लास्टिक


रस्ते में बारिश हो रही थी. बारिश के पानी से पत्नी के फ्रैक्चर पैर को बचाने के लिए उसने प्लास्टिक बांध दी. जिस वक्त वो सदर अस्पताल में पहुंचा, उस वक्त अस्पताल परिसर में भी घुटने भर पानी लगा हुआ था. स्थानीय अस्पताल में इलाज न कराकर इतनी दूरी तय कर सदर अस्पताल में आने की बात पूछने पर राकेश ने बताया कि बेहतर इलाज की सुविधा मिलती है, इसलिए सदर अस्पताल में पत्नी को लेकर आया. यहां डिजिटल एक्स-रे से लेकर दवाएं फ्री में मिलती हैं. 


डॉक्टर अमर ने की मदद 


सदर अस्पताल में इलाज के बाद शोभा देवी ने चिकित्सा पदाधिकारी सह हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ डॉ.अमर कुमार को फरिश्ता बताया. शोभा के पति राकेश महतो की आर्थिक स्थिति जानने के बाद डॉक्टर ने इलाज के बाद खाने को पूछा. साथ ही एंबुलेंस से घर जाने का इंतजाम कराया, लेकिन राकेश साइकिल से ही पत्नी को लेकर जाने की जिद पर अड़ा रहा. डॉक्टर ने बताया कि ऐसे कम ही लोग समाज में मिलते हैं, जो अपनी बीमार पत्नी को किसी भी हालात में अस्पताल तक लेकर आते हैं और उनकी जान बचाते हैं.


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