हरियाणा के फरीदाबाद में बड़ी मात्रा में IED बनाने का सामान और गोला-बारूद बरामद होने के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है. सुरक्षा एजेंसियां इस बरामदगी को बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा मान रही हैं. इसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और विपक्षी नेताओं को आड़े हाथों लिया है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि फरीदाबाद से मिला यह विस्फोटक मुंबई ब्लास्ट से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता था. उन्होंने कहा कि इस मामले पर राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेताओं की चुप्पी बहुत कुछ कहती है. ऐसे गंभीर मामलों में विपक्ष का कोई बयान न आना दुखद और चिंताजनक है.
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आतंकी मामलों में एक विशेष समुदाय से क्यों होता है आरोपी- गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि हाल के दिनों में बाबा बागेश्वर धाम की यात्रा में लाखों की भीड़ जुट रही थी. अगर यह विस्फोटक वहां इस्तेमाल किया जाता, तो कल्पना कीजिए कितनी बड़ी त्रासदी हो सकती थी. यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब भी देश में आतंकी या विस्फोटक मामलों में गिरफ्तारी होती है, तो आरोपी एक विशेष समुदाय से क्यों होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में भी एक डॉक्टर गिरफ्तार किया गया है. आखिर यह क्यों हो रहा है, क्या यह गजवा-ए-हिंद जैसी किसी साजिश की शुरुआत है.
पूरी सतर्कता से जांच कर रही हैं सुरक्षा एजेंसियां
केंद्रीय मंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे इस मामले को हल्के में न लें और इस तरह की घटनाओं पर राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर चिंता और सजगता दिखाएं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता से जांच कर रही हैं, लेकिन राजनीतिक दलों को भी आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय एकजुट होकर देश की सुरक्षा में साथ देना चाहिए.
छोटे शहरों तक पहुंच रही आतंकी मानसिकता- केंद्रीय मंत्री
गिरिराज सिंह ने कहा कि यह केवल फरीदाबाद या हरियाणा की नहीं, बल्कि पूरे भारत की सुरक्षा का मामला है. हमें यह समझना होगा कि आतंकी मानसिकता अब छोटे शहरों तक पहुंच चुकी है. अगर समय रहते इसे रोका न गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. फरीदाबाद से मिली इस बड़ी बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है और अब जांच कई राज्यों तक फैलाई जा रही है. इस घटना ने एक बार फिर देश में आंतरिक सुरक्षा और धार्मिक कट्टरता पर बहस छेड़ दी है.