समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार चुनाव में दूसरे चरण के मतदान से पहले बड़ा दांव चला है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे सपा चीफ ने आरक्षण को लेकर बयान दिया है. उनकी मांग है कि आरक्षण भी उसी आधार पर हो जिसकी जितनी आबादी हो.

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उन्होंने कहा कि लोग जागरूक हो गए हैं.हर जाति है कि उसकी गिनती है. हर व्यक्ति भी चाहता है कि उसकी जाति की गिनती हो. आजकल राष्ट्रीय पार्टियां भी रिजनल पार्टी को फॉलो कर रही हैं. बीजेपी दबी जबान से कहती है कि जातीय जनगणना हो. और जाति के आधार पर लाभ मिलना चाहिए. आरक्षण भी हो उसी आधार पर.  जिस तरह से साउथ में इसका नैरेटिव टूट गया है. उन्होंने कहा कि मैं मैं जातीय जनगणना, जातीय आरक्षण का पक्षधर हूं.

11 साल से किसकी सरकार?

एक सवाल के जवाब में कन्नौज सांसद ने कहा कि नक्सल,जो सामाजिक चीजें हैं,बुनियादी चीजें हैं,उस पर सरकार का ध्यान नहीं है. बंदूक इलाज नहीं हो सकता, बुलेट इलाज नहीं हो सकता.हम निजीकरण के खिलाफ हैं. निजीकरण किसी को लाभ पहुंचाने के लिए है. जब तक आम लोगों गरीब लोगों को लाभ नहीं हो रहा है तो निजीकरण क्या, हम खिलाफ हैं. 

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सीमा के भीतर घुसपैठियों के आने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि 11 साल से दिल्ली में किसकी सरकार है. घुसपैठिए आ रहे हैं. ये अपने ही सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि आप 11 साल से घुसपैठिए ला रहे थे. इसे मैं लोकसभा में जरूर पूछूंगा. हम तो सरकार से सवाल कर सकते हैं.

डबल इंजन सरकार से जुड़े एक सवाल पर अखिलेश ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि जब से वाई-फाई आ गया है...रिमोट होना स्वभाविक है. जहां लाभ की जगह होती है वहीं बीजेपी एक रिमोट रखती है. एक गांजा एक शराब, यही डबल इंजन है.

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