गयाः चीन में नागसेन अमन की मौत के बाद उसका शव भारत नहीं आ सका है. इसपर परिजनों ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है. गया के पुलिस लाइन आंबेडकर नगर मोहल्ला निवासी नागसेन अमन के पिता उदय पासवान ने कहा कि 29 जुलाई को पता चला कि उनके बेटे की मौत हो गई है. बाद में पता चला कि उसकी हत्या की गई है. इतना पता चलने के बाद भी भारत सरकार इस मामले में कुछ नहीं करना चाह रही है. इसका मुख्य कारण है कि नागसेन अमन महादलित समाज से आता है.


वहीं, दूसरी ओर मृतक नागसेन अमन की बड़ी बहन ज्योत्सना चंद्रा ने कहा कि भारत सरकार शव लाएगी भी या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है. एक सप्ताह बीत चुका है. ज्योत्सना ने भारत सरकार से अपने छोटे भाई के पार्थिव शरीर को अपने घर मंगाने के लिए गुहार लगाई है.


पहले बताया गया मौत, फिर कहा गया हत्या हुई है


बता दें कि नागसेन अमन 2019 में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने चार वर्षों के लिए चीन गया था. वह बीजिंग के तेनजिन फॉरेन यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल का इकलौता छात्र था. 23 जुलाई को उसने अपने परिजनों से बात की उसके बाद से उसका मोबाइल बंद हो गया. 29 जुलाई को यूनिवर्सिटी की ओर से यह बताया गया कि उसकी मौत हो गई है.


वहीं, दो अगस्त को एम्बेसी के द्वारा मेल के जरिए बताया गया कि नागसेन अमन की हत्या की गई है. हत्या के आरोपी को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद से परिजन सिर्फ अपने बेटे को अंतिम बार देखने के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहा है. इस मामले में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी ट्वीट किया है और चीन के राष्ट्रपति से उच्चस्तरीय जांच और शव को भारत भेजने के लिए आग्रह किया है.


यह भी पढ़ें- 


Good News: बिहार में 7 नई सड़कों के निर्माण को मिली मंजूरी, देखें किस-किस रूट में मिलेगा फायदा


बिहारः जांच के लिए बेतिया मंडल कारा पहुंची मानवाधिकार आयोग की टीम, कैदियों ने लिखा था पत्र